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देश में रामराज का कभी नहीं हुआ विरोध : सलमान

पूर्व विदेश मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने रविवार दोपहर नगलादीना स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रामराज्य वाले बयान पर किए गए सवाल के जवाब में सलमान ने कहा कि देश में रामराज्य का विरोध कभी नहीं हुआ। एक उर्दू शायर ने राम को इमामे हिद कहा है लेकिन रामराज्य की बात करने वालों को इसका मतलब भी समझना होगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 10:45 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 06:06 AM (IST)
देश में रामराज का कभी नहीं हुआ विरोध : सलमान
देश में रामराज का कभी नहीं हुआ विरोध : सलमान

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : पूर्व विदेश मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने रविवार दोपहर नगलादीना स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रामरज वाले बयान पर कहा कि देश में रामराज का विरोध कभी नहीं हुआ। अल्लाम इकबाल ने तो राम को 'इमामे हिद' कहा, लेकिन रामराज्य की बात करने वालों को इसका मतलब भी समझना होगा।

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उन्होंने उर्दू के मशहूर शायर अल्लामा इकबाल की नज्म 'है राम के वजूद पे हिदुस्तां को नाज, अहले नजर समझते हैं उनको इमामे हिद।' का हवाल देते हुए कहा कि इस देश में राम राज्य का विरोध कभी नहीं हुआ। रामराज्य का मतलब है किसी को भूखा नहीं रहने देना। जहां बिना छत के कोई न रहे। जहां हर दुखी की मदद हो। राजा सबको अपना समझे। रामराज्य की दुहाई देने वालों को यह बात भी समझना चाहिए। इस दौरान पुन्नी शुक्ला, प्रमोद जैन, रमेश कठेरिया, शुभम तिवारी, वसीमुज्जमां खां, संतोष गुप्ता आदि मौजूद रहे। कांग्रेस को न समझें जीरो

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सफाया होने के सवाल पर पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को जीरो नहीं समझना चाहिए। स्वामी विवेकानंद हमें जीरो पर बड़ा फलसफा दे गए हैं। हम उसे समझते हैं और उसी के अनुसार आगे प्रयास करेंगे। शाहीन बाग वालों को रास्ता खोलना चाहिए

शाहीनबाग आंदोलन पर उन्होंने कहा कि धरना दे रहे लोगों को स्वयं रास्ता छोड़ना चाहिए। अन्यथा सुप्रीम कोर्ट उन्हें हटा देगा। प्रदर्शनकारियों से सरकार को बात करनी चाहिए। पुलिस सरकार की नहीं देश की होती है। एमआइएम के एक विधायक के बयान पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग मीडिया को काम देने के लिए बयानबाजी करते हैं। उनका संज्ञान नहीं लिया जाना चाहिए। केंद्र सरकार के एक मंत्री द्वारा अल्पसंख्यकों को पाकिस्तान भेजने के बयान के बारे में उन्होंने कहा कि जिन मंत्रियों के पास कुछ काम नहीं है वह गंभीरता से नहीं बोलते। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भव्य स्वागत पर उन्होंने कहा कि हमें यह भी देखना चाहिए कि इससे हमें मिल क्या रहा है। अमेरिका से हमारे देश को जो अपेक्षाएं हैं वह पूरी नहीं हो रही हैं।


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