रामलीला परिषद ने उठाया पांचवी मोहर्रम का ताजिया
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : बढ़ती धर्मिक संकीर्णता के बावजूद फतेहगढ़ गंगा जमुनी तहजीब की
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : बढ़ती धर्मिक संकीर्णता के बावजूद फतेहगढ़ गंगा जमुनी तहजीब की अनूठी मिसाल है। यहां रामलीला परिषद हर वर्ष पांचवी मोहर्रम का ताजिया उठाते हैं, वहीं मोहर्रम कमेटी राम बारात में शामिल होती है और सबीलें लगाती है। इसी क्रम में रविवार को रामलीला परिषद के अध्यक्ष रवीश द्विवेदी के नेतृत्व में दरगाह सत्तारिया से ताजिया उठाया गया।
असर की नमाज के बाद कोतवाली के निकट स्थित दरगाह सत्तारिया के गेट पर ताजिये की सजावट की गई। सज्जादानशीन मिर्जा हसन अशरफ उर्फ प्यारे मियां, पप्पन मियां वारसी और मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष शमशाद हुसैन व मंत्री नसीम अहमद आदि पहले से ही ताजिये की तैयारी में लगे रहे। रामलीला परिषद के अध्यक्ष रवीश द्विवेदी के साथ आए उमेश चतुर्वेदी, मुन्ना लाल वाष्र्णेय, अजीत मिश्रा, केके पांडेय, अरविंद बाजपेयी, र¨वद्र वैश्य, अतुल गुप्ता, पंकज अग्रवाल आदि पहुंचे तो उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। फिर सभी ने मिलजुल कर ताजिया जुलूस की शुरुआत की तो शहर की गंगा-जमुनी तहजीब मुस्कुरा उठी। ताजिया जुलूस कोतवाली तिराहा से गश्त करते हुए एमआइसी तिराहा और मिलिट्री चौराहा होते हुए वापस दरगाह पर समाप्त हुआ। इस दौरान जुलूस का जगह-जगह स्वागत किया गया। प्यारे मियां ने बताया कि वर्ष 1980 में जब उत्तर प्रदेश में कई जगह सांप्रदायिक दंगे हो रहे थे। तब फतेहगढ़ में इस परंपरा की शुरुआत उनके पिता मिर्जा अशरफ अली और पिता के करीबी दोस्त पंडित रामकृपाल ने की थी। दोनों महान आत्माएं आज भले ही मौजूद न हों लेकिन उनकी महान परंपरा आज भी ¨जदा है।