रामगंगा खतरे के निशान के पार, बाढ़ के हालात
संवाद सहयोगी अमृतपुर पहाड़ों पर हुई बरसात का असर नदियों में साफ दिखाई देने लगा है। र
संवाद सहयोगी, अमृतपुर : पहाड़ों पर हुई बरसात का असर नदियों में साफ दिखाई देने लगा है। रामगंगा उफनाकर खतरे के निशान को पार कर गई है, जबकि गंगा खतरे के निशान पर है। तटवर्ती गांवों में बाढ़ के हालात विकराल हैं। आवागमन बाधित होने से ग्रामीण बाढ़ के पानी में निकलकर और नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं। चित्रकूट के निकट बदायूं मार्ग पर बाढ़ का पानी करीब ढाई फीट बहने से दोपहिया वाहनों का आवागमन बाधित हो गया है। नदी की धारा से भयभीत अहलादपुर भटौली के ग्रामीण अपने पक्के मकान तोड़ रहे हैं।
गंगा का जलस्तर रविवार को बढ़कर खतरे के निशान 137.25 पर पहुंच गया है। नरौरा बांध से गंगा में 124913 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामगंगा का जलस्तर 55 सेंटीमीटर बढ़कर खतरे के निशान के ऊपर 137.20 मीटर पर पहुंच गया है। खोह, हरेली व रामनगर से रामगंगा में 12631 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे गंगा और रामगंगा का जलस्तर और बढ़ने की आशंका है।
गंगा की बाढ़ का पानी हरसिंहपुर कायस्थ, ऊगरपुर, कछुआ गाढ़ा, कनकापुर, बदनपुर, कमलुद्दीनपुर, पट्टी भरखा, सैदापुर, आशा की मड़ैया आदि गांव में भर गया है। जिससे आवागमन बाधित हो गया है। सबलपुर संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी करीब डेढ़ फीट तेज धार से बह रहा है। माखन नगला संपर्क मार्ग बाढ़ के पानी की तेज धार में कट गया है। जिससे कई गांवों का आवागमन बाधित हो गया है। चित्रकूट के निकट बदायूं मार्ग पर करीब ढाई फिट बाढ़ का पानी तेज धार से बह रहा है। जिससे दोपहिया वाहनों का आवागमन बाधित हो गया है। साइलेंसर में पानी भर जाने से ग्रामीण पैदल बाइक लेकर बाढ़ के पानी से निकल रहे हैं।
रामगंगा के उफनाने से किनारे बसे अहलादुर भटौली के ग्रामीण खौफजदा हैं। जिससे ग्रामीण अपने पक्के मकान तोड़ कर ईंट निकाल रहे हैं। गांव के किशनपाल, भैयालाल, रजनेश, नन्हें, मोरपाल, वीरेश, पंजाबी, रामरतन, विदेश, अखिलेश, नीरज, सीताराम, गुरुदेव, श्यामपाल, छोटेलाल, ऋषिपाल, सतीश, राजेश व नेकसे अपने मकान तोड़ रहे हैं। सिचाई विभाग द्वारा कटान रोकने के लिए बनाए गए परकोपाइन स्पर रामगंगा की धार को नही रोक सके।
खेत में बाढ़ का पानी भरने से बोवाई प्रभावित
गंगा और रामगंगा उफनाने से बाढ़ का पानी तटवर्ती गांव के खेतों में भर गया है। जिससे आलू, सरसों व गेहूं की बोवाई प्रभावित हो गई है। खेतों में पानी भरने से किसान बोवाई को लेकर चितित हैं। अधिक बरसात होने से खेत में खड़ी तैयार तिल, मेंथा व धान की फसल खराब हो चुकी है। बोई गई सरसों व आलू भी खेत में खराब होने से किसान तबाह हो गए हैं। अब बाढ़ के पानी ने किसान को बर्बाद कर दिया है।
ग्रामीणों को घर छोड़ने को कहा
एसडीएम प्रीती तिवारी ने तहसीलदार संतोष कुमार कुशवाह व राजस्व टीम के साथ अहलादपुर भटौली पहुंच कर कटान की स्थिति का जायजा लिया। एसडीएम ने नदी के किनारे बसे ग्रामीणों को घर छोड़ने के लिए कहा है। उन्होंने नदी की धार से बेघर हुए ग्रामीणों को आवासीय भूमि आवंटित करने का भरोसा दिया।