फतेहगढ़ में मुस्लिमों ने आरती कर रवाना की राम बरात
श्री रामलीला परिषद फतेहगढ़ की ओर से धूमधाम से निकली राम बरात में शामिल नयनाभिराम झांकियों को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी। काली जी का अखाड़ा आकर्षण का केंद्र रहा। हनुमान मंदिर भोलेपुर में देर रात राम व सीता जी का विवाह संपन्न हुआ।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : अपनी गंगा जमुनी तहजीब की विरासत को एक बार फिर फतेहगढ़ की राम बारात में जमाने ने जिदा होते देखा। यहां मुस्लिमों ने आरती कर राम के स्वरूप को बारात के लिए रथ पर सवार किया। इस मौके पर मोहर्रम कमेटी के सदस्यों ने स्वरूपों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। एमआइसी तिराहे से राम बारात रवाना हुई तो उसमें परशुराम, ब्रह्मा, शंकर व विश्वामित्र की झांकियां भी शामिल दिखीं। शहर में मुख्य मार्गों से गुजरते हुए बारात हुनमान मंदिर पहुंची। यहीं पर विवाह कार्यक्रम संपन्न हुए।
राम बारात के लिए सभी तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी थीं। दूल्हा और बाराती भी तैयार थे। हालांकि अभी किसी का इंतजार था। बताया गया कि इशा की नमाज के चलते आरती में विलंब हो रहा है। ठीक साढ़े आठ बजे नमाज खत्म हुई तो मस्जिद से मोहर्रम कमेटी के पदाधिकारी सीधे एमआइसी तिराहे पर पहुंचे। यहीं से हर साल राम बारात शुरू होती है। सूफी पप्पन मियां ने राम के स्वरूप की आरती कर रथ पर चढ़ाया तो वहीं दरगाह सत्तारिया के सज्जादानशीन मिर्जा हसन अशरफ और मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष शमशाद हुसैन ने स्वरूपों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इसके बाद राम बारात शुरू हुई। सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल के तौर पर यहां हर साल पांचवी मोहर्रम का ताजिया रामलीला कमेटी की ओर से उठाया जाता है। राम बारात में सबसे आगे भगवान गणेश की झांकी चल रही थी। श्रीकृष्ण रासलीला, शंकर-पार्वती, साईंबाबा, लड्डू गोपाल, परशुराम, दुर्गा मां, ब्रह्मा जी, हनुमान जी, शंकर जी और विश्वामित्र समेत करीब एक दर्जन से ज्यादा झांकियां शामिल रहीं। सबसे पीछे राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न के स्वरूप रथ पर सवार होकर चल रहे थे। मुख्यमार्गों से होते हुए बरात भोलेपुर स्थित हनुमान मंदिर पहुंची। राम बरात को देखने के लिए कोतवाली रोड और एमआईसी तिराहा मार्ग समेत आन्य मार्गों पर बनी पटियों पर महिला, पुरुषों और बच्चों ने सूरज डूबते ही डेरा डाल लिया। इस अवसर पर अध्यक्ष रवीश द्विवेदी, पंकज प्रकाश, मुन्नालाल, संजू रस्तोगी, अतुल मिश्र और दिनेश तिवारी आदि रहे।