घरों में नमाज पढ़कर मांगी बीमारी से निजात दिलाने की दुआ
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते शुक्रवार को ईद की नमाज क
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते शुक्रवार को ईद की नमाज के लिए ईदगाह के ताले नहीं खुले। अधिकांश लोगों ने घरों में ही नमाज पढ़कर अल्लाह से महामारी से निजात दिलाने की दुआ मांगी। मस्जिदों में भी कम लोग ही नमाज पढ़ने पहुंचे। ईदगाह व प्रमुख मस्जिदों के बाहर सुबह से ही पुलिस बल तैनात कर दिया गया था।
कोरोना प्रकोप के चलते नई व पुरानी ईदगाह कमेटी की ओर से घरों में ही नमाज पढ़ने की अपील लोगों से की गई थी। मऊदरवाजा थाना प्रभारी जेपी शर्मा सुबह से ही नई ईदगाह पर फोर्स के साथ जम गए थे। पुरानी ईदगाह पर भी फोर्स तैनात किया गया था। कुछ लोग ई-रिक्शा से नमाज पढ़ने के लिए जाते हुए दिखाई दिए। रकाबगंज तिराहे पर बजरिया चौकी प्रभारी सुनील कुमार ने ई-रिक्शा वापस लौटा दिया। टाउनहाल तिराहा स्थित काजीजी की मस्जिद पर भी फोर्स तैनात था। शहर की जामा मस्जिद व अन्य प्रमुख मस्जिदों के बाहर भी पुलिस बल लगाया गया था। प्रमुख मस्जिदों में इमाम के अलावा पांच लोगों ने ही नमाज पढ़ी। पुरानी ईदगाह के मुख्य कर्ताधर्ता हाजी मुजफ्फर हुसैन रहमानी ने बताया कि उन्होंने ईदगाह में नमाज न होने की जानकारी पहले ही लोगों को दे दी थी। उन्होंने स्वयं स्वजन के साथ घर में ही नमाज पढ़ी और अल्लाह से कोरोना महामारी से निजात दिलाने की दुआ मांगी। नई ईदगाह से जुड़े हाजी शादाब हुसैन ने बताया कि ईदगाह के ताले नहीं खुले। उन्होंने अपने घर के पास स्थित मस्जिद में स्वजन के साथ नमाज पढ़ी। मोहल्ला बहादुरगंज स्थित मस्जिद शेख खुदाबख्श उर्फ जमादार के इमाम हाफिज मोहम्मद कासिम ने बताया कि सरकार की ओर से मस्जिद में पांच लोगों के नमाज पढ़ने की गाइड लाइन थी। उन्होंने चार लोगों के साथ नमाज पढ़ाई। अन्य लोगों ने घरों में ही नमाज पढ़ी। मोहल्ला बहादुरगंज निवासी हाफिज अर्शलान ने बताया कि उन्होंने आमिर के साथ घर में ही नमाज पढ़ी। गांव बरौन की ईदगाह में भी नमाज नहीं हुई। वहां भी लोगों ने घरों में ही नमाज पढ़ी।