कारखानों के कनेक्शन में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने फंसाया पेंच
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद एक वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश पर कपड़ा छपाई कारखाना मालिक
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : एक वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश पर कपड़ा छपाई कारखाना मालिकों ने विद्युत कनेक्शन लेने के लिए पिछले दिनों प्रयास शुरू किए थे, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसमें पेंच फंसा दिया है। जिला उद्योग केंद्र की ओर से छपाई कारखाना मालिकों के साथ हुई बैठक में इसकी जानकारी दी गई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 100 कारखानों को अवैध घोषित कर दिया है। यह कारखाने चलते मिले तो कड़ी कार्रवाई होगी।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सूची में 108 कारखाने ही चिह्नित हैं, जबकि शहर में ही 150 से अधिक कारखाने हैं। अधिकांश कारखानों में रोक के बावजूद छपाई का काम चल रहा है। इन कारखानों का गंदा पानी गंगा में ही गिर रहा है। कारखाना मालिकों की ओर से एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजली कनेक्शन जोड़ने की पैरवी की थी। इसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने कनेक्शन जुड़वाने को संभावनाएं तलाशीं, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कनेक्शन के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया। जिससे कारखाना मालिक मायूस हो गए। हालांकि अधिकांश कारखानों में चोरी-छिपे बिजली चल रही है। कोई कटिया फंसाए है तो कोई बिजली कर्मियों की मेहरबानी पर काम कर रहा है। छपाई कारखानों में नहीं हो पाएगा कनेक्शन
जिला उद्योग केंद्र के सहायक प्रबंधक मोहम्मद आकिब ने बताया कि कारखाना मालिकों के साथ साधान चौकी में हुई बैठक में इस बात की जानकारी दे दी गई है कि छपाई कारखानों में बिजली कनेक्शन नहीं हो पाएगा। जिन कारखानों में कपड़े की सिलाई आदि का काम होता है, उन्हें कनेक्शन दिया जाएगा। मात्र आठ कारखानों को ही मिली है एनओसी
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कानपुर के सहायक अभियंता योगेश मिश्रा ने बताया कि बोर्ड की सूची में कुल 108 कारखाने चिह्नित हैं। 25 कारखानों ने ईटीपी लगाई है, लेकिन सभी ने मानक के अनुसार संचालित नहीं की। आठ कारखानों को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति मिली हुई है। 100 कारखाने मानक के विरुद्ध हैं। इन कारखानों में काम होता मिला तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।