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पांटून पुल की मांग पर नेताओं की नजर इनायत नहीं

संवाद सहयोगी अमृतपुर रामगंगा के किनारे बसे गांव के लोगों की खेती कट गई है। जिससे अधिकांश भूमि नदी के पार हो गई है। ग्रामीणों को खेती के लिए नाव के सहारे नदी को पार करना पड़ता है। ग्रामीण नदी पर पैंटूल पुल बनबाने की मांग कर रहे हैं लेकिन नेताओं ने पुल को मुद्दा भी चुनाव में नहीं बनाया। ग्रामीणों को खेतों से अपनी फसल घर लाने के लिए 30 किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ती है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 11:03 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 11:03 PM (IST)
पांटून पुल की मांग पर नेताओं की नजर इनायत नहीं
पांटून पुल की मांग पर नेताओं की नजर इनायत नहीं

संवाद सहयोगी, अमृतपुर : रामगंगा के किनारे बसे गांव के लोगों की खेती कट गई है। इससे अधिकांश भूमि नदी के पार हो गई। अब ग्रामीणों को खेती के लिए नाव के सहारे नदी पार करनी पड़ती है। कई वर्षो से ग्रामीण पांटून पुल बनाने की मांग कर रहे हैं लेकिन नेताओं ने आज तक इस समस्या को मुद्दा नहीं उठाया।

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अमृतपुर तहसील क्षेत्र के गांव कोलासोता, बेचेपट्टी, महुलिया, मोकुलपुर, निगार, चरिया, करनपुरदत्त, सिकंदरपुर, लभेड़ा, बेहटा, अहलादपुर भटौली, नयागांव, बिरसिंहपुर व वीरपुर गांव की अधिकांश कृषि भूमि रामगंगा की धार में कट गई है। ऐसे में यहां रहने वाले ग्रामीणों को खेती करने के लिए तकरीबन रोज ही नदी पार करनी पड़ती है। कई बार तो खेतों की जोताई करने और फसलों को घर लाने के लिए किसानों को 30 किलोमीटर का चक्कर लगाकर जाना पड़ता है। लोगों ने कई बार यहां पांटूल पुल की मांग की, लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हो सकी। ग्रामीण बोले

रामगंगा में पानी अधिक है व तेज धार के साथ बह रहा है। जिससे ग्रामीणों को नदी पार करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है। अस्थाई पुल बनने से किसानों को नदी के पार जाने की समस्या खत्म हो जाएगी।

- सुरेंद्र पाल सिंह, करनपुरदत्त। रामगंगा की धार से कृषि भूमि कट गई है। नदी के पार भूमि होने से केवल गेहूं की फसल कर पाते हैं। यदि नदी पर अस्थाई पुल बन जाए तो किसान खेतों में सभी फसलें कर सकते हैं।

- शिवरतन वर्मा, अहलादपुर भटौली। किसानों को खेतों से अपनी फसल घर लाने के लिए करीब 30 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। खेतों की जुताई के लिए भी ट्रैक्टर को राजेपुर से होकर ही अल्लाहगंज से घूमकर खेतों तक ले जाना पड़ता है। अस्थाई पुल बन जाने पर तीन किलोमीटर की दूरी रह जाएगी।

- उमेश सिंह, निगार। नदी की धार से अधिकांश कृषि भूमि कट चुकी है। इससे ग्रामीणों को खेती करने के लिए नदी के पार जाना पड़ता है। अस्थाई पुल बनवाने की कई बार जनप्रतिनिधियों से मांग की गई, लेकिन अभी तक किसी भी नेता ने पुल बनवाने का आश्वासन तक नही दिया है।''

- अशोक कुमार सिंह, निगार।


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