देखरेख न होने से ऐतिहासिक गज स्तंभ के चबूतरे का पिलर क्षतिग्रस्त
संवाद सूत्र, संकिसा : ऐतिहासिक गज स्तंभ के चबूतरे पर बना पिलर किसी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। उ
संवाद सूत्र, संकिसा : ऐतिहासिक गज स्तंभ के चबूतरे पर बना पिलर किसी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। उसमें किसी वाहन की टक्कर लगने की आशंका है। जानकारी मिलने पर शनिवार को बौद्ध भिक्षु वहां पहुंचे और पुरातत्व विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया। गज स्तंभ से कुछ कदम दूरी पर ही पुलिस की गार्द भी रहती है।
प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थस्थल संकिसा स्थित धार्मिक स्थल परिसर में ऐतिहासिक गज स्तंभ है। मान्यता है कि गज स्तंभ सम्राट अशोक के काल का है। खोदाई में यह निकला था। दुनियाभर के बौद्ध श्रद्धालुओं के अलावा बड़ी तादात में सनातनधर्मी भी धार्मिक स्थल पर पूजा-अर्चना करने आते हैं। वह गज स्तंभ पर भी रुकते हैं। धार्मिक स्थल पर इसे दर्शनीय माना जाता है। शनिवार सुबह कुछ लोगों की नजर गज स्तंभ के क्षतिग्रस्त पिलर पर पड़ी तो वह दंग रह गए। पिलर पत्थर का बना है। कुछ देर बाद भंते चेतिसिक बोधि भी वहां पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि गज स्तंभ की सूंड़ व पूंछ पहले से ही टूटी है। पिलर टूटना गलत है। इससे गज स्तंभ को नुकसान पहुंच सकता है। पुरातत्व विभाग के चौकीदार इस्लामुद्दीन अक्सर गायब रहते हैं। इसी वजह से देखरेख नहीं हो पाती। पुरातत्व विभाग कन्नौज के कनिष्ठ सर्वेक्षण सहायक शैलेंद्र कुमार ने बताया कि किसी वाहन की टक्कर से पिलर के नीचे का हिस्सा टूट गया है। इस संबंध में चौकीदार से स्पष्टीकरण लिया जाएगा।