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फर्रुखाबाद में मिलावट खोरों को मात दें उन्हीं की जुबान में ..

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद त्योहरों के अवसर पर बाजार में दूध पनीर व खोवा जैसे खाद्य पदार्थो

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 11:41 PM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 11:41 PM (IST)
फर्रुखाबाद में मिलावट खोरों को मात दें उन्हीं की जुबान में ..
फर्रुखाबाद में मिलावट खोरों को मात दें उन्हीं की जुबान में ..

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : त्योहरों के अवसर पर बाजार में दूध, पनीर व खोवा जैसे खाद्य पदार्थों की मांग में अचानक उछाल आ जाता है। अब उत्पादन तो सीमित ही है, इसलिए इनमें मिलावट भी उसी अनुपात में बढ़ जाती है। हालांकि जरा सी सावधानी और जागरूकता से उपभोक्ता आसानी से इनकी शुद्धता को परख सकते हैं।

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दूध, खोवा, मिठाई, मसालों, दालों आदि में की गई मिलावट स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हो सकती हे। इनमें से कई मिलावटी पदार्थ तो कैंसर जैसे गंभीर तक का कारण बन सकते हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग के अभिहित अधिकारी सैयद शाहनवाज हैदर आबिदी बताते हैं कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिकरण (एफएसएसएआइ) की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारियों के आधार पर लोग मिलावटखोरों को उन्हीं के अंदाज में मात दे सकते हैं। इनमें उपयोग होने वाले सामान्य केमिकल व उपकरण बाजार में आसानी से मिल जाते हैं।

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ऐसे करें मिलावट की जांच

दूध : लैक्टोमीटर से दूध की शुद्धता परखी जा सकती है। शुद्ध दूध की रीडिग लैक्टोमीटर पर 1.030 से 1.034 तक होती है। पांच एमएल कच्चे दूध में एल्कोहल और पांच बूंद रोजेलिक एसिड मिलाएं। यदि 30 सेकेंड में दूध का रंग गहरा लाल हो जाता है तो समझो इसमें सोडा मिला है। कच्चे दूध में पैराडाइमिथाइल एमिनो बैंजाल्डिहाइड मिलाने पर दूध का रंग गहरा पीला हो जाए तो समझो उसमें यूरिया मिली है। खोवा : खोवा में थोड़ी मात्रा में पानी मिलाकर उबालें। फिर इसमें आयोडीन की कुछ बूंदें डालें। यदि नीले रंग की परत दिखे, तो साफ है कि उसमें स्टार्च मौजूद है। मक्खन, घी : दस एमएल घी में इतना ही हाइड्रोक्लोरिक एसिड व एक चम्मच चीनी मिलाएं। इसे खूब हिलाएं। यदि मिश्रण का रंग लाल हो जाए तो मिलावट पक्की है। चाय-पत्ती : शीशे के प्लेट पर नींबू का रस डालकर उस पर चाय पत्ती डाल दें। यदि रस का रंग नारंगी हो जाता है, तो इसमें मिलावट है। यदि चाय पत्ती असली है, तो हरा व पीला रंग दिखाई देगा। शहद : शहद में रुई के फाहे को भिगोकर उसे किसी लौ पर जलाएं। यदि शहद में चीनी और पानी का मिश्रण है, तो रुई का फाहा नहीं जलेगा और यदि शहद शुद्ध है, तो चटाक की आवाज के साथ जल उठेगा। एक कांच के गिलास में पानी भरकर उसमे शहद की एक बूंद डालें। यदि बूंद सीधे तली में जाकर बैठ जाए तो समझो शहद असली है।


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