उड़ीसा व राजस्थान पुलिस ने जालसाजों को दबोचा, फिर से होगी विवेचना
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद तीन वर्ष पूर्व एसबीआई प्रबंधक से सरकारी राहत के नाम पर 8.65 ल
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : तीन वर्ष पूर्व एसबीआई प्रबंधक से सरकारी राहत के नाम पर 8.65 लाख की ठगी हुई थी। मामले में जिले की पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगाकर मुकदमे को समाप्त कर दिया। उड़ीसा और जयपुर पुलिस ने तीन जालसाजों को पकड़ा तो प्रबंधक ने शुक्रवार को एसपी से कार्रवाई की गुहार लगाई। एसपी ने दोबारा विवेचना का आदेश दिया है।
शहर के मोहल्ला मेमरान निवासी राधेश्याम राठौर एसबीआई शाखा प्रबंधक हैं। 31 जनवरी 2016 को फतेहगढ़ कोतवाली में दिल्ली और मुंबई के निवासी वेदप्रकाश अरोड़ा, वंदना अग्रवाल, शीतल, गायत्री, राशि वर्मा, आकांक्षा, तनु श्रीवास्तव, कविता श्रीवास्तव, नीरज कुमार, निर्मला जोशी, पायल गुप्ता, विजय कुमार, अमित गुप्ता, अमित शर्मा, नेहा, रामनारायण, वीरेंद्र कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी व ठगी किए जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। घटनाक्रम के दौरान राधेश्याम जनपद हरदोई के नूरपुर हथौड़ा एसबीआइ की शाखा में मैनेजर थे। रिपोर्ट में कहा था 31 जनवरी 2016 को उनके मोबाइल पर वेदप्रकाश अरोड़ा का फोन आया। उसने फाइनेंस मिनिस्ट्री दिल्ली का पता बताया। आरोपित ने सरकारी राहत का 8.65 लाख रुपये स्वीकृत के होने की जानकारी दी। उक्त रुपयों के लिए एगोन रिलीगेयर जीवन बीमा कंपनी में 31,500 रुपये की बीमा पॉलिसी कराने के लिए कहा। इस प्रकार बदल बदल कर अन्य लोगों ने भी फोन कर खाते में रुपये डालने के लिए कहा।
जिस पर उक्त धनराशि को चेक के माध्यम से खातों में ट्रांसफर कर दिया। इस मुकदमे की विवेचना दारोगा डेढ़ छैल ¨सह, केसी गौतम व तहसीलदार वर्मा ने की। बाद में विवेचना दारोगा राजबहादुर को मिली तो उन्होंने 26 मार्च 2017 को मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी। शुक्रवार को प्रबंधक राधेश्याम एसपी डॉ. अनिल कुमार मिश्रा से मिले। बताया कि उड़ीसा की क्राइम ब्रांच के निरीक्षक मोहंतो ने बताया कि मुकदमे में एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। दो आरोपितों को राजस्थान की जयपुर पुलिस ने पकड़ा है। एसपी को बताया गया कि फतेहगढ़ पुलिस इस मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा चुकी है। जिस पर एसपी ने मुकदमे की विवेचना दोबारा किए जाने के आदेश दिए।