बाइक छोड़ने पर परिजनों ने थाने के सामने सड़क की जाम
संवाद सूत्र, राजेपुर : सड़क दुर्घटना में घायल ग्रामीण की इलाज के दौरान लखनऊ के अस्पताल में
संवाद सूत्र, राजेपुर : सड़क दुर्घटना में घायल ग्रामीण की इलाज के दौरान लखनऊ के अस्पताल में मौत हो गई। परिजन शव लेकर थाने में मुकदमा दर्ज कराने गए। पुलिस द्वारा बाइक छोड़ देने पर परिजनों ने ग्रामीणों के सहयोग से थाना घेर लिया। इस दौरान एक दारोगा ने परिजनों से अभद्रता कर दी। जिससे नाराज ग्रामीणों ने थाने के निकट सड़क पर शव रखकर जाम लगा दिया।
थाना क्षेत्र के गांव भुड़िया भेड़ा निवासी बृजपाल ¨सह 12 सितंबर की शाम को साइकिल से राजेपुर से गांव आ रहे थे। बमियारी निवासी नेमकुमार और मोहद्दीनगर निवासी सतीश बाइक से राजेपुर जा रहे थे। गांव अलीगढ़ के निकट बदायूं मार्ग पर बाइक की साइकिल से टक्कर हो गई। जिसमें तीनों ग्रामीण घायल हो गए। घायलों को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने बाइक कब्जे में लेकर थाने में खड़ी कर दी थी। तबियत में सुधार न होने पर बृजपाल ¨सह (52) को लोहिया अस्पताल से लखनऊ रेफर कर दिया गया। शुक्रवार को लखनऊ के ट्रामा मेडिकल कालेज में इलाज के दौरान मौत हो गई।
परिजन शाम को थाने में मुकदमा दर्ज कराने पहुंचे। थाने से बाइक गायब देख मृतक के परिजनों ने पुलिस पर बाइक छोड़ देने का आरोप लगाया। थाने के दारोगा ने कहा कि बाइक छोड़ दी गई है। बाइक का नंबर लेकर आओ, मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा। जिस पर परिजन भड़क गए और उन्होंने ग्रामीणों के सहयोग से थाना घेर लिया। तभी एक पुलिस कर्मी ने परिजनों से अभद्रता कर दी। जिससे नाराज परिजनों ने थाने के निकट सड़क पर शव रखकर जाम लगा दिया।
थानाध्यक्ष अंगद ¨सह ने परिजनों को समझाने का प्रयास किया कि बाइक यदि छोड़ दी गई तो दोबारा बाइक मंगा ली जाएगी। तहरीर लिख कर दो, मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा। मृतक के परिजनों की थानाध्यक्ष से भी नोकझोंक हो गई। परिजनों का आरोप है कि मौत की सूचना मिलने के बाद बाइक थाने से छोड़ी गई है और पुलिस मुकदमा नहीं लिख रही है। मृतक की पत्नी रीना महिलाओं के साथ सड़क पर बैठी है। मृतक के एक पुत्र और पांच पुत्रियां हैं। थानाध्यक्ष ने बताया कि बाइक छोड़ने का आरोप गलत है, तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा।