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अफसरों को चलते मिले छपाई कारखाने, मौके से भागे श्रमिक

जासं, फर्रुखाबाद : प्रशासनिक व प्रदूषण विभाग के अफसरों ने गुरुवार को तीन कारखानों में छापेमारी

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 11:16 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 11:16 PM (IST)
अफसरों को चलते मिले छपाई कारखाने, मौके से भागे श्रमिक
अफसरों को चलते मिले छपाई कारखाने, मौके से भागे श्रमिक

जासं, फर्रुखाबाद : प्रशासनिक व प्रदूषण विभाग के अफसरों ने गुरुवार को तीन कारखानों में छापेमारी की। यहां श्रमिक कपड़ों की छपाई करते मिले। यहां बिजली विभाग ने कनेक्शन काट दिए थे, वहां किराए के जनरेटर लेकर छपाई होती मिली। सभी कारखानों से रंगीन पानी भी निकलता मिला। छापे के दौरान अधिकांश श्रमिक मौके से भाग गए। सभी अफसर कारखानों की हकीकत देख बिना कार्रवाई के ही वापस लौट गए। वहीं सूत्रों की मानें तो देर शाम फिर से छपाई कारखानों की मशीनें शुरू हो गईं।

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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कानपुर के सहायक अभियंता डॉ. अनिल कुमार माथुर ने सुबह ही टीम के साथ मोहल्ला अंगूरीबाग में छापा मारा। नालियों में रंगीन पानी बहता देखकर टीम एक कारखाने पहुंची। अंदर का नजारा देखकर अधिकारी आश्चर्य में पड़ गए। कारखाना पहले की तरह ही चल रहा था। छपे हुए कपड़े सूख रहे थे। तैयार माल के ढेर लगे थे। टैंक में कपड़े की धुलाई भी हो रही थी। श्रमिक टीम के गेट पर पहुंचते ही खिसक गए।

गंगादरवाजा व खानपुर में भी दो कारखानों में छपाई होने की पुष्टि हुई। वहां कपड़ा सूख रहा था। इससे यह पता चला कि कारखाने में कल दिन में या रात में काम हुआ। गांव अमेठी जदीद के एक कारखाने में तो बड़ी तादाद में कपड़ा छपा मिला। कारखाने के टैंक में कपड़ा धुलने के लिए डाला गया था। कुछ कपड़ा सूख रहा था। बोर्ड के सहायक अभियंता ने बताया कि बंदी आदेश के बावजूद यहां कारखाना मालिक मान नहीं रहे हैं। कई कारखानों में काम चल रहा है। उच्च अधिकारियों से बात कर कारखाना मालिकों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी। विदित है कि कारखाने चलने से गंगा में गिर रहे नाले के पानी में केमिकल युक्त पानी भी जा रहा है। फोर्स न मिलने से हुई परेशान

प्रदूषण बोर्ड की टीम छापेमारी के दौरान पुलिस बल न मिलने से परेशान रहती है। इसके चलते गत माह एक कारखाने की चे¨कग के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में हंगामा हो गया था। गुरुवार सुबह भी टीम ने बिना पुलिस बल के ही चे¨कग करनी पड़ी। किराए पर लिए गए जनरेटर

अधिकांश कारखानों के जनरेटर भी सील हैं। इसके बावजूद कारखाना मालिकों ने इसका तोड़ निकालकर किराए पर जनरेटर ले लिए। कुछ लोग सोलर सिस्टम से काम चलाते मिले। एक बड़े कारखाने की पानी निकासी को दो नालियां हैं। उसका पानी इन दिनों सामने की नाली में न डालकर पीछे पूर्वी ओर बनी नाली में निकाला जा रहा है। मौनी अमावस्या पर भी मिलेगा 'गंदा' पानी!

प्रयागराज में कुंभ व पांचालघाट पर लगी रामनगरिया में ठहरे लाखों श्रद्धालु चार फरवरी को मौनी अमावस्या पर संगम व गंगा में पुण्य की डुबकी लगाएंगे। लेकिन छपाई कारखाने बंद न होने पर प्रतिदिन हजारों लीटर रंगीन पानी नालियों के जरिए गंगा तक पहुंच रहा है। ऐसे में श्रद्धालुओं को 'गंदे' पानी में ही डुबकी लगानी पड़ेगी।

अधिकारियों की नजर से बचे हैं कुछ कारखाने

प्रदूषण बोर्ड की टीम के पास पहले मात्र 108 कारखाने ही दर्ज थे। इस बार की चे¨कग में बूरावाली गली, खतराना, कछियाना आदि मोहल्लों में भी कारखाने पकड़े गए। गुरुवार को मोहल्ला बंगशपुरा मार्ग पर घोड़ा नखास कब्रिस्तान के निकट भी एक कारखाना संचालित होने की जानकारी दी गयी है।


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