अब सेटेलाइट बताएगा कहां बनेगा तालाब, किधर गिरेगा नाला
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद अब गांव के विकास की योजनाओं को तैयार करने में सेटेलाइट भी
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : अब गांव के विकास की योजनाओं को तैयार करने में सेटेलाइट भी मदद करेगा। भौगोलिक स्थिति के आधार पर गांव में कहां तालाब उचित होगा और किधर नाले का बहाव होना चाहिए यह भी सेटेलाइट तय करेगा। ग्रामीण विकास की योजनाओं की सार्थकता में सेटेलाइट की सूचनाओं के उपयोग के लिए शासन ने मोबाइल एप विकसित किया है। योजना के तहत फिलहाल जनपद के हर ब्लॉक के दो-दो ग्राम पंचायतों का चयन किया जाना है।
भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखे बिना बनी विकास योजनाएं अक्सर धरातल पर फ्लाप हो जाती हैं। उन पर खर्च होने वाली धनराशि व्यर्थ चली जाती है। शासन ने इस स्थिति को देखते हुए विशेष एप विकसित किया है। योजना बनाने से पूर्व वास्तविक प्रस्तावित स्थल के को-आर्डिनेट्स एप पर फीड किए जाएंगे। इससे जीआइएस डाटा के आधार पर पता चल जाएगा कि उक्त स्थान की भौगोलिक स्थिति क्या है और क्या यह स्थिति परियोजना की उपयोगिता की ²ष्टि से सही है या नहीं।
उपायुक्त मनरेगा राजमणि वर्मा ने बताया कि जीआइएस आधारित प्लान पर ग्राम पंचायत का सीमांकन किया जाएगा। इसके बाद गूगल-अर्थ प्रो की मदद से तालाब, पौधारोपण, सड़क, नहर आदि को रेखांकित किया जाएगा। इसके बाद सोक पिट, कुंआ, पशुशाला आदि को चिह्नित किया जाएगा। इसके बाद इसी आधार पर सभी श्रेणी के कार्यों को प्लान में शामिल किया जाएगा। इन गांवों को किया चयनित
उन्होंने बताया कि फिलहाल सभी सातों ब्लाकों के दो-दो ग्राम पंचायतों का योजना के तहत चयन किया गया है। ब्लाक बढ़पुर के ढिलावल व भगुआ नगला, कायमगंज के भागीपुर उमराह व भरतहरी, कमालगंज के देवरान गढि़या व नगला दाऊद, मोहम्मदाबाद के जाजपुर गोवा व सिठऊपुर, नवाबगंज के अलहादादपुर व इजौर, राजेपुर के वीरपुर हरिहरपुर व गूजरपुर पमारान और विकास खंड शमसाबाद के ग्राम असगरपुर व बरई को शामिल किया गया है।