अब 'माल' नहीं जान पर भी भारी पड़ रहा सट्टा
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद अभी तक लोग सट्टा में अपना धन लुटा रहे थे लेकिन अब पूरे शहर
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : अभी तक लोग सट्टा में अपना धन लुटा रहे थे, लेकिन अब पूरे शहर में होने वाले सट्टा का यह काला कारोबार अब लोगों की जान पर भी भारी पड़ रहा है। लाल गेट कुम्हारन मोहल्ले में हुई हत्या के पीछे कारण भी सट्टा है। बताया जा रहा है कि टेंपो चालक ने पांच हजार रुपये का सट्टा लगाया था और उसका नंबर आ गया था। सट्टा एजेंटों ने शायद इसीलिए उसकी हत्या करवा दी।
पूरे फर्रुखाबाद शहर में चाहे वह फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र हो या फिर मऊदरवाजा थाना क्षेत्र या फिर सदर कोतवाली का इलाका। हर गली में सट्टा का कारोबार जमकर किया जा रहा है। हजारों लोग रोज अपनी गाढ़ी कमाई इस काले कारोबार में फंसकर गंवाते हैं। रुपयों के लेनदेन को लेकर कई बार शहर में मारपीट भी हो चुकी है, लेकिन पुलिस मामले दबाती रही। कादरी गेट पर भी खुलेआम सट्टा खिलवाया जाता है। सट्टा एजेंट से लेने थे 4.25 लाख रुपये
बताया जा रहा है कि चार दिन पहले टेंपो चालक महेंद्र जाटव ने भी पांच हजार रुपये का सट्टा लगाया था। वह नंबर सट्टा में आ गया था। इस पर उसको सट्टा एजेंट से करीब 4.25 लाख रुपये लेने थे। शव ठिकाने लगाने जाते वक्त पकड़ा गया सट्टा एजेंट इस बात को और भी पुख्ता कर रहा है। हालांकि अपनी पोल खुलते देख पुलिस कहानी को घुमाने के प्रयास में जुट गई है। शहर कोतवाल वेद प्रकाश पांडेय ने कहा कि घटना के पीछे रुपयों के लेनदेन का विवाद है, लेकिन सट्टा का रुपया है तो इसकी जानकारी नहीं है। मुख्य आरोपित फरार है। उसकी गिरफ्तारी के बाद मामला पूरी तरह से साफ हो जाएगा। बड़े माफिया अभी भी करवा रहे सट्टा
शहर के रेलवे रोड और रेलवे स्टेशन के पास शहर के दो बड़े सट्टा माफिया का अड्डा है। पुलिस इन पर हाथ डालने से कतरा रही है। एक आईपीएल सट्टा कराता है तो दूसरा वर्ष भर चलने वाला सट्टा करवाता है। सट्टे के मुनाफे से ही कुछ वर्षों में ही दोनों ने अकूत संपत्ति अर्जित कर ली। रेलवे रोड निवासी सट्टा माफिया ने तिकोना चौकी के पास एक नई जमीन खरीदी है, वहां से अपना सट्टा कारोबार संचालित कर रहा है।