मां, मैं बनता तुम्हारे बुढ़ापे का सहारा..भर देता खुशियां से दामन
संस, कायमगंज (फर्रुखाबाद) : मां, मैं बनता तुम्हारे बुढ़ापे का सहारा..मां मैं तुम्हारा दामन खुशिय
संस, कायमगंज (फर्रुखाबाद) : मां, मैं बनता तुम्हारे बुढ़ापे का सहारा..मां मैं तुम्हारा दामन खुशियों से भर देता। आपकी सारी बातों को भी मानता। आपके आंचल में मेरे लिए थोड़ी सी भी जगह नहीं थी क्या मां?। अगर आपने थोड़ी भी हिम्मत दिखाई होती तो मेरा दम नाली के अंदर नहीं घुटता। आज मैं 'भगवान' के घर में होने के बजाय आपकी गोद में खेल रहा होता। शायद कुछ ऐसा ही दर्द उस नवजात का भी होगा, लेकिन वह उसे बयां नहीं कर सका।
कायमगंज क्षेत्र के श्यामा गेट मेनरोड के निकट लोहाई वाली गली में रविवार की सुबह राहगीरों ने नाली में पड़े नवजात के शव को देखा, तो वहां जमावड़ा लग गया। यहां लोगों का तर्क था कि लोकलाज के भय से किसी बिन ब्याही मां ने अपनी ममता का गला घोंट दिया। या फिर यह भी हो सकता है कि कुछ 'हैवानों'ं ने मां की ममता को ठोकर मारकर उसके कलेजे के टुकड़े को छीन नाली में फेंक दिया हो। वहीं नवजात के चेहरे को देख एक पल के लिए लोगों की आंखें नम हो गईं। सूचना पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष डॉ. संजीव गंगवार पहुंचे, उन्होंने पुलिस को सूचना दी। कोतवाली से उपनिरीक्षक रामबाबू पहुंचे व सफाईकर्मी की मदद से नवजात का शव निकलवा कर पोस्टमार्टम को भेजा है। बाल समिति अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने आसपास से सीसी कैमरों की फुटेज भी देखीं हैं, लेकिन अभी तक कुछ पता नहीं लगा है।