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सिपाहियों और कॉलेज प्रबंधक तक के बने मिले मनरेगा कार्ड

ग्राम निधि से कराए गए कार्यों में अनियमितताओं की शिकायत पर डीएम के निर्देश पर सोमवार को अधिकारियों की टीम जांच करने पहुंची। टीम को कई ढेरों अनियमितताएं मिलीं। चार वर्ष पूर्व मृत पुलिस कर्मी व कालेज प्रबंधक के भी मनरेगा में जॉब कार्ड बने मिले।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 10:41 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 06:31 AM (IST)
सिपाहियों और कॉलेज प्रबंधक तक के बने मिले मनरेगा कार्ड
सिपाहियों और कॉलेज प्रबंधक तक के बने मिले मनरेगा कार्ड

संवाद सूत्र, नवाबगंज : ग्राम निधि से कराए गए कार्यों में अनियमितताओं की शिकायत पर डीएम के निर्देश पर सोमवार को अधिकारियों की टीम जांच करने पहुंची। टीम को कई ढेरों अनियमितताएं मिलीं। चार वर्ष पूर्व मृत पुलिस कर्मी व कालेज प्रबंधक के भी मनरेगा में जॉब कार्ड बने मिले।

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विकास खंड मोहम्मदाबाद की ग्राम पंचायत राजारामपुर मेई निवासी शैलेन्द्र सिंह ने ग्राम प्रधान सुषमा देवी पत्नी अजयवीर सिंह के खिलाफ ग्राम पंचायत के कार्यों में फर्जीवाड़ा किए जाने की शिकायत की थी। शिकायत की जांच को डीएम ने अधिकारियों की टीम का गठन किया था। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आदित्य कुमार, जल निगम के सहायक अभियंता मनोज कुमार व भूमि संरक्षण अधिकारी डॉ. राकेश कुमार की टीम ने गांव के प्राथमिक विद्यालय पहुंचकर जांच पड़ताल शुरू की। उन्होंने गांव में बने सीसी रोड, हैंडपंप, मनरेगा कार्यो की ग्रामीणों से जानकारी ली। गांव में अर्जुन के घर से महिमा चंद्र के घर तक 33 मीटर व बदले के घर से कल्लू के घर तक 115 मीटर सीसी रोड की नाप कराई। सीसी रोड में कमियां मिलीं। गमा देवी मंदिर के समीप रिबोर कराए गए हैंडपंप व अतिबल के घर के बाहर लगे हैंडपंप को देखा गया। उसके बाद उन्होंने मनरेगा योजना के तहत जॉब कार्ड धारकों की जानकारी ली। पुलिस सेवा में रहे ग्राम प्रधान के पति अजयवीर के चचेरे भाई सत्यवीर सिंह का जॉब कार्ड बना मिला। जॉब कार्ड से भुगतान भी निकाला गया। जबकि उनकी चार वर्ष पूर्व मौत हो चुकी है। इसके अलावा दो विद्यालयों के प्रबंधक सत्येंद्र सिंह के नाम का भी जॉब कार्ड बना मिला। इस कार्ड पर भी धनराशि निकाली गई। इसके अलावा ग्रामीणों ने अन्य गड़बड़ियों की भी शिकायतें कीं। जांच टीम के अध्यक्ष एक्सईएन पीडब्ल्यूडी ने बताया कि जांच में अनियमितताएं मिली हैं। जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। अग्रिम कार्रवाई जिलाधिकारी के स्तर से की जाएगी। जांच के दौरान उपनिरीक्षक नितिन कुमार, इंद्रेश कुमार, संदीप कुमार, ग्राम प्रधान के पति अजयवीर सिंह, ग्राम पंचायत अधिकारी, ब्लॉक कर्मी व शिकायतकर्ता शैलेंद्र सिंह भी मौजूद रहे। पूर्व में भी हो चुके प्रधान के अधिकार सीज

ग्राम पंचायत राजारामपुर मेई में ग्राम प्रधान द्वारा विकास कार्यों में अनियमितताओं की गांव के निवासी शैलेंद्र सिंह ने 29 अक्टूबर 2018 को शिकायत जिलाधिकारी से की थी। जिसमे अधिकारियों ने गांव आकर जांच पड़ताल की। तो कार्यो में तमाम कमियां मिली थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर ग्राम प्रधान के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए गए थे व उनपर 4.72 लाख रुपये की वसूली के भी आदेश हुए थे। हालांकि बाद में हाईकोर्ट ने डीएम के आदेश को तकनीकी आधार पर निरस्त कर दिया था। इसी के बाद डीएम ने दोबारा जांच के आदेश दिए थे।


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