चिन्मयानंद और एनआरसी पर कन्नी काट गए मंत्री
जनपद के प्रभारी और प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा मंगलवार को यहां लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में पत्रकारों से वार्ता के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर अपनी सरकार की पीठ ठोंकते दिखे। चिन्मयानंद और प्रदेश में एनआरसी लागू किए जाने के सवालों को वह अपने स्तर से ऊपर की बात बता कर कन्नी काट गए। उन्होंने जनपद में विभिन्न विभागों के खिलाफ संचालित जांचों में उनके अगले दौरे से पूर्व कार्रवाई का भरोसा दिलाया हालांकि भ्रष्टाचार में बर्खास्त कस्तूरबा विद्यालयों की वार्डनों के बिदु पर वह जानकारी न होने की बात कह कर बचते दिखे।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जनपद के प्रभारी और प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा मंगलवार को यहां लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में पत्रकारों से वार्ता के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर अपनी सरकार की पीठ ठोंकते दिखे। चिन्मयानंद और प्रदेश में एनआरसी लागू किए जाने के सवालों को वह अपने स्तर से ऊपर की बात बता कर कन्नी काट गए। उन्होंने जनपद में विभिन्न विभागों के खिलाफ संचालित जांचों में उनके अगले दौरे से पूर्व कार्रवाई का भरोसा दिलाया, हालांकि भ्रष्टाचार में बर्खास्त कस्तूरबा विद्यालयों की वार्डनों के बिदु पर वह जानकारी न होने की बात कह कर बचते दिखे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद का बचाव करने के आरोपों पर सहकारिता मंत्री ने कहा कि सरकार निष्पक्ष जांच कर रही है। यदि विधिक रूप से आवश्यक हुआ तो उनकी गिरफ्तारी की जाएगी। उनको अभी तक पार्टी से न निकाले जाने के बिदु पर वह बोले की यह फैसला उनसे काफी ऊपर के बड़े नेताओं को करना है। इसी प्रकार प्रदेश में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) लागू किए जाने के सवाल पर भी वह बोले पार्टी फैसला करेगी। डाक बंगले में कुछ देर पूर्व ही कस्तूरबा की बर्खास्त वार्डनों से भेंट करने के बावजूद व इस मामले को जानकारी न होने और प्रकरण का अध्ययन करने की कहकर टाल गए। गड्ढा मुक्त सड़कों की बात पर सातनपुर मंडी के सामने की सड़क का हवाला देने पर मंत्री ने शीघ्र ठीक कराने का वादा किया। विगत ढाई वर्षों के कामों का विवरण देने पर इस दौरान सिचाई, नलकूप, बेसिक शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे विभागों की लंबित जांचों में कोई कार्रवाई न होने के सवाल पर उन्होंने सभी प्रकरणों की जानकारी करने और उनके अगले दौरे से पूर्व फैसला करने का वादा किया। भ्रष्टाचार मुक्त सरकार के दावे पर जब उनसे प्रदेश के ग्राम विकास एवं समग्र विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह द्वारा ग्राम प्रधानों को जांच से मुक्त किए जाने की घोषणा के बारे में पूछा गया तो तो उन्होंने कहा कि उन्हें बयान की जानकारी नहीं है, पता करेंगे कि किस संदर्भ में उन्होंने यह बात कही।