टिकट न मिलने पर कई नेताओं की बदली आस्था
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद जो नेता कुछ दिन पहले तक अपनी पार्टी का गुणगान और दूसरे दल क
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जो नेता कुछ दिन पहले तक अपनी पार्टी का गुणगान और दूसरे दल की बुराई करते नहीं थकते थे, उन्हीं नेताओं की आस्था तब बदल गई, जब उन्हें उनकी पार्टी ने टिकट नहीं दिया। फर्रुखाबाद सदर सीट से कांग्रेस में टिकट मांग रहे कांग्रेस जिलाध्यक्ष बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए तो भोजपुर में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष कांग्रेस में शामिल हो गईं। अमृतपुर से समाजवादी पार्टी से टिकट कटा तो पूर्व मंत्री ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी।
सभी राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशी घोषित कर रहे हैं। एक-एक पार्टी में सभी सीटों पर कई दावेदार थे। ऐसे में जैसे ही पार्टी अपने प्रत्याशी घोषित कर रही, तो टिकट से वंचित दावेदारों की निष्ठा भी बदल रही है। इसी क्रम में सदर सीट पर टिकट की मांग कर रहे कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजय कटियार बुधवार को बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए। उनका दावा है कि मायावती से मुलाकात के बाद उन्हें फर्रुखाबाद से प्रत्याशी बनाया जाएगा। हालांकि उनके बसपा में जाने के पीछे एक बड़े नेता की चुनावी रणनीति कही जा रही है।
उधर भोजपुर विधानसभा क्षेत्र में अभी तक प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से दावेदारी कर रहीं पार्टी की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष अर्चना राठौर को भी जब टिकट नहीं मिला तो वह कांग्रेस में शामिल हो गईं और वहां से टिकट की दावेदारी करने लगीं। उनका कहना है कि वह प्रियंका गांधी के नारे 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' से प्रभावित हो गई हैं।
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समर्थकों के बीच भावुक हो गए पूर्व राज्यमंत्री
प्रदेश में सपा सरकार में राज्य मंत्री रह चुके और छह बार से अमृतपुर से विधायक रह चुके नरेंद्र सिंह यादव की इस बार समाजवादी पार्टी ने टिकट काट दी। बुधवार को उन्होंने अपने समर्थकों को बुलाकर अपनी शक्ति प्रदर्शन भी किया। समर्थकों को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे, यह उनकी अंतिम इच्छा है कि वह विधायक बनें। उसके बाद वह भावुक हो गए तो पास में खड़ी जिला पंचायत अध्यक्ष बेटी मोनिका यादव ने उनके आंसू पोंछे। इस दौरान समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ नारेबाजी भी की गई।