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'कलंक' की भेंट चढ़ गई ममता, मरने के लिए छोड़ा नवजात

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : मां की ममता 'कलंक' की भेंट चढ़ गई। शायद यही कारण रहा ि

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Feb 2018 02:09 AM (IST)Updated: Thu, 01 Feb 2018 02:09 AM (IST)
'कलंक' की भेंट चढ़ गई ममता, मरने के लिए छोड़ा नवजात
'कलंक' की भेंट चढ़ गई ममता, मरने के लिए छोड़ा नवजात

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : मां की ममता 'कलंक' की भेंट चढ़ गई। शायद यही कारण रहा कि मां ने अपनी ममता का गला घोंटते हुए नवजात को मरने के लिए गड्ढे में दबाकर उस पर पत्थर रख दिया। गनीमत रही कि बच्चे की रोने की आवाज राह चलते लोगों के कानों में पहुंची। युवक ने पत्थर हटाकर देखा तो बच्चा जीवित था। आनन-फानन उसने बच्चे को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया। यहां पर बच्चे की हालत गंभीर है। उसका इलाज एसएनसीयू वार्ड में चल रहा है।

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फतेहगढ़ कोतवाली के नेकपुर कला मसेनी मार्ग पर गिहार बस्ती के निकट बुधवार सुबह दस बजे के करीब एक गड्ढे से बच्चे के रोने की आवाज यहां से निकल रहे मोहल्ले के पवन राजपूत के कानों में पहुंची। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर वह रुक गए और पत्थर हटाकर देखा तो एक नवजात पड़ा था। आनन-फानन नवजात को वहां से निकालकर उन्होंने उसे लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया। बच्चे की हालत को देखते हुए उसका इलाज अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में चल रहा है। सूचना पर कर्नलगंज चौकी इंचार्ज हरेन्द्र ¨सह अस्पताल पहुंचे और पवन से इस बारे में जानकारी ली। पवन ने बताया कि गड्ढे के पास कुछ स्थानीय बच्चे खेल रहे थे। बच्चों ने बताया कि बाइक से दो लोग आए और गड्ढे मे कुछ रखकर चले गए। उन्होंने बताया कि जब बच्चे के चीखने की आवाज सुनाई दी तो उधर निगाह गई। गड्ढे के ऊपर पत्थर रखा था। पत्थर हटाकर देखा तो नवजात कपड़े मे लिपटा था।वार्ड की स्टाफ नर्स ने बताया कि बच्चे की हालत अभी गंभीर है। बच्चे का जन्म एक-दो घंटे पहले ही हुआ है। इस समय बाल रोग विशेषज्ञ डा. कैलाश प्रशिक्षण लेने लखनऊ गए है। एनआरसी वार्ड के डा. विवेक सक्सेना को इस संबंध में अवगत करा दिया गया है।

नवजात को अपनाने पहुंचे अस्पताल

जब लावारिस नवजात को गड्ढे से निकाल कर लोहिया अस्पताल लाया गया तो कुछ लोग बच्चे को अपनाने के लिए लोहिया अस्पताल पहुंच गए और चौकी इंजार्च से बच्चे को देने की फरियाद की। चौकी इंजार्च ने बच्चे को देने से मना कर दिया और कहा कि अभी उसका इलाज चल रहा है। इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई के बाद बच्चे को देने पर विचार किया जाएगा।


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