वादा खिलाफ नेताओं को कोलासोता के ग्रामीण देंगे वोट की चोट
संवाद सहयोगी अमृतपुर रामगंगा की धार से कोलासोता गांव के अधिकांश किसानों की कृषि भूमि कट गई। जिससे किसान भूमिहीन हो गए। ग्रामीणों ने कटान रोकने के लिए तटबंध बनबाने को अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से फरियाद की लेकिन जनप्रतिनिधियों से उन्हें बांध बनवाने का भरोसा ही मिला। ग्रामीण लोकसभा चुनाव में तटबंध के लिए मतदान करेंगे।
संवाद सहयोगी, अमृतपुर (फर्रुखाबाद) : रामगंगा की धार से कोलासोता गांव के अधिकांश किसानों की कृषि भूमि कटने से वे भूमिहीन हो गए हैं। ग्रामीणों ने कटान रोकने के लिए तटबंध बनवाने को अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से कई बार फरियाद की, लेकिन जनप्रतिनिधियों से भरोसे के अलावा कुछ नहीं मिला। यहां के लोगों ने अब वादाखिलाफ नेताओं के खिलाफ मतदान कर सबक सिखाने की ठानी है।
अमृतपुर क्षेत्र का गांव कोलासोता रामगंगा के किनारे बसा है। रामगंगा की धार से गांव के अधिकांश ग्रामीणों की कृषि भूमि कट गई है। इससे वेदपाल, शिवपाल, गजेंद्र, सतीश, जगदीश, प्रकाश सहित कई किसान भूमिहीन हो गए हैं, वहीं अब नदी की धार गांव के करीब आने से गांव कटने की आशंका बढ़ गई है। ग्रामीणों ने कटान रोकने के लिए अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक तटबंध बनवाने की फरियाद की। ग्रामीणों को बांध के लिए भरोसा पर भरोसा मिलता रहा, लेकिन बांध नहीं बन सका। तटबंध न बनने से नाराज कोलासोता के ग्रामीण लोकसभा चुनाव में मतदान कर वोट की ताकत का नेताओं को एहसास कराएंगे। इस तरह मिलता रहा भरोसा
- सपा सरकार में ब्लाक प्रमुख सुबोध यादव ने अधिकारियों के साथ पहुंचकर तटबंध बनवाने का ग्रामीणों को भरोसा दिया था।
- सांसद मुकेश राजपूत ने सिचाई मंत्री धर्मपाल सिंह व जिले के प्रभारी मंत्री चेतन चौहान के साथ कोलासोता पहुंचकर कटान की स्थिति का जायजा लेकर भरोसा दिया।
- सिचाई मंत्री ने विभाग के अधिशासी अभियंता को तटबंध के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजने के निर्देश दिए और ग्रामीणों को तटबंध बनवाने का भरोसा दिया।
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बोले ग्रामीण -
रामगंगा की धार ने चार वर्षों में गांव के अधिकांश लोगों को भूमिहीन कर दिया है। बांध न बनने से गांव पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
- हरेंद्र सिंह
लोकसभा चुनाव में कोई प्रत्याशी वोट भी मांगने गांव नहीं आया है। आते भी कैसे, वादा कर गए थे, लेकिन उसे पूरा नहीं करा पाए। ग्रामीण वोट की ताकत से बांध बनवाएंगे।
- जितेंद्र सिंह रामगंगा की धार से गांव का अस्तित्व खतरे में हैं। अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने नदी की धार मोड़ने के लिए भी कोई प्रयास नहीं किया।
- रामकृष्ण नदी की धार से भूमिहीन तो पहले ही हो चुके हैं, अब बेघर होने की आशंका से भयभीत हैं। नेताओं ने तटबंध बनवाने का भरोसा तो दिया, लेकिन बांध बनवाया नहीं।
- ओमकार सिंह