Move to Jagran APP

संपत्ति के लिये की थी सौतेले भाई की हत्या,चार सगे भाइयों को आजीवन कारावास, 12 वर्ष पहले हुई थी घटना

फर्रुखाबाद जेएनएन करीब 12 साल पहले संपत्ति के लिए सौतेले भाई की गला काटकर हत्या करने वाले

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 06:49 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 06:49 PM (IST)
संपत्ति के लिये की थी सौतेले भाई की हत्या,चार सगे भाइयों को आजीवन कारावास, 12 वर्ष पहले हुई थी घटना
संपत्ति के लिये की थी सौतेले भाई की हत्या,चार सगे भाइयों को आजीवन कारावास, 12 वर्ष पहले हुई थी घटना

फर्रुखाबाद, जेएनएन : करीब 12 साल पहले संपत्ति के लिए सौतेले भाई की गला काटकर हत्या करने वाले चार सगे भाईयों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एंटी डकैती न्यायालय में मुकदमे की सुनवाई हुई। विशेष न्यायाधीश विजय कुमार गुप्ता ने चार सगे भाइयों को आजीवन कारावास के साथ जुर्माना की सजा सुनाई। मुकदमे के दौरान पिता रामसरन पाल की मौत हो चुकी है। जुर्माना अदा न करने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद के भी आदेश दिए हैं।

loksabha election banner

नवाबगंज थाना क्षेत्र के गांव नवादा निवासी चौकीदार राकेश कुमार ने 28 अगस्त 2008 को जसमई दरवाजा से पुठरी मार्ग पर ग्राम राजारामपुर मेई निवासी अजय पाल सिंह के मक्का के खेत में सड़क किनारे की ओर अज्ञात व्यक्ति का शव पड़ा होने की सूचना थाने में दी थी। फतेहगढ़ कोतवाली के मोहल्ला ग्रानगंज निवासी जसवंत सिंह ने शव की शिनाख्त अपने भाई कश्मीर सिंह के रूप में की। जसवंत सिंह ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया कि उसके चाचा की मौत हो चुकी है। उसके पिता रामसरन ने चाची सुशीला को पत्नी के रूप में रख लिया। जिससे पांच लड़के व दो लड़कियां हुईं। वह पहले से तीन भाई व एक बहन थे। पिता ने पूरी संपत्ति सौतेले भाइयों को दे दी। इसको लेकर सौतेले भाइयों से मुकदमे की रंजिश चल रही है। 28 अगस्त 2008 को सुबह पिता रामसरन की सहमति से सौतेले भाई शिवचरन पाल, शैलेंद्र पाल, राजवीर व शिवराम ने उनके भाई कश्मीर सिंह को घर से बुलाया और हत्या कर शव फेंक दिया।

2008 में दाखिल किया गया था आरोप पत्र

मामले में मुकदमे के विवेचक तत्कालीन थानाध्यक्ष सतेंद्र सिंह ने पांचों अभियुक्तों के खिलाफ न्यायालय में तीन नवंबर 2008 को आरोप पत्र दाखिल किया। मुकदमे की सुनवाई एंटी डकैती न्यायालय के विशेष न्यायाधीश विजय गुप्ता ने की। मुकदमा विचारण के दौरान अभियुक्त व मृतक के पिता रामसरन पाल की मौत हो चुकी है।

दहशत फैलाने में हुई एक साल की सजा

न्यायाधीश ने अपर जिला शासकीय अधिवक्ता हरिनाथ सिंह, पंकज कटियार व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद हत्या के मामले में शिवचरन, शैलेंद्र, राजवीर व शिवराम को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व 25-25 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। इसके अलावा दहशत फैलाने में एक वर्ष तथा धारा 148 में दो वर्ष की कठोर कैद व पांच-पांच हजार जुर्माना की सजा से भी दंडित किया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.