खाकी वसूलती एंट्री टैक्स, तो क्यों मानें यातायात नियम
महीना बंदी की रिश्वत तो खाकी के कोडवर्ड में इंट्री टैक्स कहा जाता है। टेंपो चालकों से लेकर बड़े वाहनों तक से इंट्री टैक्स वसूला जाता है। फर्क सिर्फ यह है कि टेंपो प्रतिदिन यह टैक्स देते हैं जबकि बड़े वाहन महीना बंदी देते हैं। इसके बाद उन्हें ट्रैफिक नियम तोड़ने की छूट मिल जाती है। इसी वजह से शहर में यातायात माह व सप्ताह के सुखद परिणाम देखने को नहीं मिलते। जहां चेतावनी बोर्ड लगे होते हैं वहीं पर वाहनों का जमाबड़ा रहता है।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। पुलिस के यातायात सप्ताह व माह होर्डिग, स्टीकर और बैठकों तक ही सीमित रह जाते हैं। अवैध वसूली के चलते टेंपो से लेकर बड़े वाहन तक नियमों का उल्लंघन करते हैं। इस वसूली को खाकी के बीच कोडवर्ड में 'एंट्री टैक्स' कहा जाता है। टेंपो चालकों से लेकर बड़े वाहनों तक से यह टैक्स वसूला जाता है। फर्क सिर्फ यह है कि टेंपो प्रतिदिन यह टैक्स देते हैं, जबकि बड़े वाहनों से मासिक शुल्क वसूला जाता है। इसके बाद उन्हें मानो ट्रैफिक नियम तोड़ने की छूट मिल जाती है। इसी के चलते यातायात पुलिस के चेतावनी बोर्डों के पास ही वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है।
शहर में सबसे बड़ी यातायात समस्या टेंपो व ई-रिक्शा को लेकर है। टेंपो चालकों को मनचाही जगह खड़े होने के बदले में प्रतिदिन इंट्री टैक्स देना पड़ता है। टेंपो का नंबर पुलिस कर्मी के पास नोट रहता है। टैक्स भुगतान के बाद उस पर टिक लगा लिया जाता है। इसके बाद उसे मनमानी की छूट मिल जाती है। शहर में यातायात माह के दौरान जगह-जगह होर्डिंग लगाए गए थे। इनमें सड़क पर वाहन खड़े न करने की हिदायत दर्ज है। जिम्मेदार अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी लिखे हैं। इसके बावजूद चेतावनी बोर्ड के पास ही वाहन स्टेंड का नजारा दिखाई देता है। इसी वजह से जाम की समस्या से निजात नहीं मिल पा रही।
शहर में ट्रैफिक व्यवस्था नियंत्रित करने की जिम्मेदारी यातायात विभाग के पास है। पुलिस कर्मी यातायात विभाग में तैनाती कराने को जोड़तोड़ करते हैं। यातायात पुलिस में पोस्टिग में उन्हें जहां जांच, विवेचना, कानून व्यवस्था की झंझटों में नहीं पड़ना होता वहीं मोटी कमाई का भी लालच रहता है। - नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा। धरपकड़ अभियान भी तेज किया जाएगा। नियम न मानने वालों होगी सख्त कार्रवाई।
देवेश कुमार, यातायात प्रभारी