करथिया कांड की जांच सीबीआइ से कराई जाए
जनता जागृति सेवा संगठन (अराजनैतिक) के पदाधिकारियों ने मंगलवार को राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को देकर करथिया कांड की सीबीआइ जांच कराने की मांग की। ज्ञापन में अनाथ हुई बच्ची गौरी के पालनपोषण के लिए 50 लाख रुपये जमा कराए जाने की मांग भी शामिल है।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जनता जागृति सेवा संगठन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को देकर करथिया कांड की सीबीआइ जांच कराने की मांग की। ज्ञापन के माध्यम से अनाथ हुई सुभाष की पुत्री गौरी के पालनपोषण के लिए 50 लाख रुपये जमा कराए जाने की मांग भी शामिल है।
मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के गांव करथिया में सुभाष बाथम व उसकी पत्नी रूबी ने 25 बच्चों को घर में बंधक बना लिया था। पुलिस ने कई घंटे बाद बच्चों को सुभाष के चंगुल से मुक्त कराया था। सिटी मजिस्ट्रेट अशोक कुमार को दिए गए ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि पुलिस ने सुभाष व उसकी पत्नी रूबी को सकुशल निकाल लिया था। इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई। सुभाष ने बच्चों को किस वजह से बंधक बनाया, इसकी जांच होनी चाहिए। प्रदेश सरकार ने बिना जांच कराए ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को पुरस्कार दे दिया। ज्ञापन में कहा गया कि इससे पूर्व भी पुलिस द्वारा विभिन्न जनपदों में कई एनकाउंटर किए गए जो जांच में फर्जी पाए गए। सुभाष व उसकी पत्नी को सजा देने का अधिकार न्यायालय को था। इस मामले की सुनवाई न्यायालय में होती तो भले ही उसे मृत्युदंड दे दिया जाता। पुलिस द्वारा दोनों की हत्या करना अंतिम से भी अंतिम लक्ष्य होना चाहिए था। सिटी मजिस्ट्रेट अशोक कुमार ने बताया कि ज्ञापन ले लिया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से राज्यपाल को भेजा जाएगा। इस दौरान संगठन के अध्यक्ष धर्मेंद्र कश्यप, सुभाष चंद्र, प्रमोद कुमार, रंजीत सिंह, नरेंद्र सिंह कश्यप, शिवा बाथम, श्रीनिवास बाथम, गौतम कुमार, जितेंद्र कुमार बाथम, विजेंद्र, सरला आदि मौजूद रहे।