मालिनी अवस्थी के गीतों पर झूमे कल्पवासी
मेला श्री रामनगरिया के सांस्कृतिक पंडाल में आईं लोकगीत की प्रसिद्ध गायिका मालिनी अवस्थी ने अपने गीतों से कल्पवासियों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान कार्यक्रम में भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। जिला प्रशासन के अफसरों ने भी देर रात रुककर कार्यक्रम का लुत्फ उठाया।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : मेला श्री रामनगरिया के सांस्कृतिक पंडाल में आईं लोकगीत की प्रसिद्ध गायिका मालिनी अवस्थी ने अपने गीतों से कल्पवासियों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान कार्यक्रम में भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। जिला प्रशासन के अफसरों ने भी देर रात रुककर कार्यक्रम का लुत्फ उठाया।
शनिवार को मेला रामनगरिया में मालिनी अवस्थी का कार्यक्रम लगा होने के चलते कल्पवासियों के साथ ही साथ मेला देखने आने वाले लोगों का पंडाल में पहुंचना शुरू हो गया। मालिनी अवस्थी ने स्टेज पर आकर सबसे पहले गंगा मइया को प्रणाम करते हुए उनके जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। इसके साथ ही उन्होंने गंगा मइया का महत्वत भी बताया। उन्होंने 'रामजी सबरी के झूठे बेर खात हैं, होली खेले मसाने में, अम्मा मेरे बाबा को भेजो री' आदि गीत सुनाए तो मौजूद लोग झूम उठे। उन्होंने भोजपुरी, अवधी और बुंदेली भाषाओं में रचे गीत गाकर लोगों की वाहवाही लूटी। मालिनी अवस्थी ने कहा कि लोक संस्कृति को समझने की सबसे बड़ी विधा लोकगीत है। उन्होंने गंगा किनारे कल्पवास कर रहे कल्पवासियों में उत्साह भरते हुए कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें गंगा मइया की गोद में कल्पवास करने का मौका मिल रहा है। इससे पहले जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह आदि ने मालिनी अवस्थी का स्वागत किया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया, उप जिलाधिकारी सदर अनिल कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन सिंह व मेला व्यवस्थापक संदीप दीक्षित आदि रहे।