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85 लाख के घोटाले की जांच को ¨सचाई विभाग पर छापा

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : यात्रा भत्ता, वाहन व्यवस्था, फर्नीचर खरीद आदि में लगभग 85 लाख रुपये

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Jul 2018 07:04 PM (IST)Updated: Fri, 06 Jul 2018 07:04 PM (IST)
85 लाख के घोटाले की जांच को ¨सचाई विभाग पर छापा
85 लाख के घोटाले की जांच को ¨सचाई विभाग पर छापा

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : यात्रा भत्ता, वाहन व्यवस्था, फर्नीचर खरीद आदि में लगभग 85 लाख रुपये के गबन की शिकायत पर जिलाधिकारी मोनिका रानी के आदेश पर शुक्रवार को जिला विकास अधिकारी व वरिष्ठ कोषाधिकारी ने ¨सचाई विभाग के खंड कार्यालय में छापा मारा। लगभग एक दर्जन वरिष्ठ लिपिकों ने विगत आठ वर्षों के रिकार्ड खंगालना शुरू कर दिए हैं।

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जिलाधिकारी को ¨सचाई विभाग में यात्रा भत्ता, वाहन किराया, फर्नीचर व अन्य सामान की खरीद के अलावा सिल्ट सफाई आदि में लगभग 85 लाख रुपये के गोल माल कर लिए जाने की शिकायत की गई थी। जानकारी के अनुसार दो लिपिकों के खातों में 39 हजार रुपये की धनराशि सीधे ट्रांसफर कर दी गई। सूचना के आधार पर जिलाधिकारी के आदेश पर शुक्रवार को जिला विकास अधिकारी ओपी पांडेय और वरिष्ठ कोषाधिकारी अतुल तिवारी ने अपने स्टाफ के साथ ¨सचाई खंड कार्यालय पर छापा मारा। अचानक अधिकारियों के स्टाफ सहित पहुंचने पर ¨सचाई विभाग में कर्मचारी भौचक्के रह गए। अधिशासी अभियंता एसके ¨सह के बाहर होने की सूचना मिलने पर अधिकारियों ने वहां मौजूद कर्मचारियों को जिलाधिकारी के आदेश का हवाला देकर वर्ष 2010 से अब तक के खर्च संबंधी अभिलेख तलब किए।

अभिलेख न मिलने से जांच अटकी

कर्मचारियों ने बताया कि संबंधित लिपिक अरुण कुमार सक्सेना एक आरटीआइ की सुनवाई के मामले में सूचना आयोग में पेशी के संबंध में लखनऊ गए हुए हैं। इसलिए अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए जा सकते। सीसीएल (कैश क्रेडिट लिमिट) कैश बुक भी जांच के लिए उपलब्ध नहीं कराई जा सकी। काफी देर तक रुकने के बावजूद अभिलेख नहीं मिले। वरिष्ठ कोषाधिकारी अतुल तिवारी ने बताया कि शनिवार को सुबह साढ़े दस बजे तक सभी अभिलेख उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। जनवरी से जून तक का उपस्थिति रजिस्टर गायब

निरीक्षण के दौरान जांच अधिकारियों को जनवरी 2018 से जून 2018 तक का उपस्थिति रजिस्टर गायब मिला। कार्यालय में जुलाई 2018 से नया रजिस्टर बना लिया गया है। पता चला है कि दो विभागीय लिपिकों की आपसी खुन्नस के चलते दोनों ओर से जिलाधिकारी तक विभागीय गड़बड़ियों की सूचनाएं पहुंचाई गईं।


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