Museum Day: 11 वर्ष से वीराना पड़ा फर्रुखाबाद में राजकीय संग्रहालय का भवन, संजोयी जानी थीं जिले की स्मृतियां
International Museum Day 2023 यूपी के फर्रुखाबाद में 11 वर्ष पहले बना राजकीय संग्रहालय का आलीशान भवन अव्यवस्था के चलते खंडहर में तब्दील हो रहा है। स्मृतियों को संजोने के लिए भवन तो तैयार हुआ लेकिन उदासीनता के चलते सपना आज तक साकार नहीं हो सका है।
फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता: यूपी के फर्रुखाबाद में गांव हाथीपुर के निकट 11 वर्ष पहले बना राजकीय संग्रहालय का आलीशान भवन अव्यवस्था के चलते खंडहर में तब्दील हो रहा है। शासन ने पिछले वर्ष इस पर संज्ञान लिया था। इस कारण भवन के दिन बहुरने के संकेत मिले थे। भवन में भगवान बुद्ध व छायावाद की दीपशिखा कवयित्री महादेवी वर्मा की स्मृतियों को संजोने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसके बाद वह पत्रावली भी ठंडे बस्ते में है।
करीब एक करोड़ से अधिक की लागत से राजकीय संग्रहालय का भवन वर्ष 2012 में बनकर तैयार हो गया था। इसके बाद शासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इस कारण ग्रामीणों ने भवन के ताले तोड़ दिए। कमरों के खिड़की, दरवाजे भी उखड़ गए। वर्तमान में दरवाजे खुले पड़े हैं और उसमें बेसहारा मवेशियों का बसेरा है।
वस्तुओं को संजोने का पिछले वर्ष भेजा था प्रस्ताव
सरकार अब पुरानी स्मृतियों को संजोने और पर्यटन को बढ़ावा देने पर खासा जोर दे रही है। इसी के चलते इस आलीशान भवन के जर्जर होने पर संज्ञान लिया गया था। राजकीय संग्रहालय कन्नौज के प्रबंधक दीपक ने शासन के निर्देश पर पिछले वर्ष यहां आकर भवन का निरीक्षण भी किया था। उस दौरान उन्होंने बताया था कि शासन को रिपोर्ट भेजी गई है, जिसमें संग्रहालय भवन के प्रथम तल पर कवयित्री महादेवी वर्मा व दूसरे तल पर भगवान बुद्ध से संबंधित वस्तुओं को संजोकर प्रदर्शित किया जाएगा।
संजोयी जानी थीं भगवान बुद्ध व महादेवी वर्मा की स्मृतियां
फर्रुखाबाद में बौद्ध तीर्थस्थल संकिसा है, जहां भगवान बुद्ध का स्वर्गावतरण हुआ था। कवयित्री महादेवी वर्मा की जन्मस्थली भी फर्रुखाबाद में है। उनसे संबंधित वस्तुओं का संकलन कर संग्रहालय में रखा जाएगा। हालांकि यह पत्रावली अभी शासन में लंबित है। इस पर स्वीकृति मिलने के बाद संग्रहालय भवन के दिन बहुरने के आसार हैं।