भक्ति की हिलोर में बाग-बाग हो उठा जाह्नवी का आंचल
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : माघ मेला रामनगरिया में संतों द्वारा निकाली गई शोभायात्राओं में
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : माघ मेला रामनगरिया में संतों द्वारा निकाली गई शोभायात्राओं में श्रद्धा के अनूठे रंग बिखरे। बैंड-बाजे की गूंज के साथ संतों के अचरज भरे करतब देख श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। जय गंगे मइया व हर-हर महादेव के घोष से मानो जाह्नवी का आंचल बाग-बाग हो उठा।
पांचालघाट गंगा तट पर गुरुवार को संतों की शोभायात्राओं से मेला क्षेत्र की अलौकिकता और भी निखर उठी। श्री अखिल भारतीय पंच तेराबाई त्यागी खालसा अखाड़ा बरगदियाघाट से महंत विष्णुदास की अध्यक्षता में शोभायात्रा का शुभारंभ हुआ। शोभायात्रा के बीच में ठाकुर जी की पालकी को संतजन पूरी श्रद्धा के साथ कंधे पर उठाए थे। तलवारबाजी के करतब आकर्षण बने थे। दांडी द्वारा भी करतब दिखाए जा रहे थे। गंगा तट पर निशानों का पूजन किया गया। श्रीफूलदास, सूरजदास, तेजरामदास, नंदीदास, गंगादास व अयोध्यादास आदि महात्मा शामिल रहे।
श्रीपंच अखिल भारतीय रामानंदी निर्मोही अनी अखाड़ा की शोभायात्रा महंत नारायण दास उर्फ बटेश्वर बाबा की अध्यक्षता में निकाली गई। महंत सतीशदास, गोपालदास, जमुनादास, हरिओम, रघुनंदन दास, प्रेमदास, रेशमदासी का मंडल भी साथ चल रहे थे। संतों के हैरतपूर्ण करतबों को श्रद्धालु विस्मय के साथ देख रहे थे। दंडी क्षेत्र मुनेश्वर आश्रम से निकाली गई शोभायात्रा की अध्यक्षता दंडी स्वामी रामप्रकाश आश्रम ने की। श्रीरामभद्र आश्रम की फोटो पालकी पर विराजमान थी। सत्यस्वरूप ब्रह्मचारी, संत सुभाष आश्रम, लज्जाराम आश्रम, शिवराम आश्रम, भोले आश्रम, सेवानंद आश्रम आदि भी शामिल रहे। शोभायात्राओं में चल रहे संत-महात्माओं का प्रशासनिक द्वार के बाहर मेला व्यवस्थापक संदीप दीक्षित व मेला कोतवाली प्रभारी महेंद्र त्रिपाठी ने माल्यार्पण कर स्वागत किया। संतों के परिक्रमा मार्ग होते हुए गंगा तट पहुंचने पर वातावरण और भी मनोरम बन गया।