कैसे कराएं कोरोना का इलाज, जब नहीं देख रहे रोगी
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद शासन ने कोविड-19 संबंधित उपचार करने के लिए नर्सिग होम संचालक
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : शासन ने कोविड-19 संबंधित उपचार करने के लिए नर्सिग होम संचालकों को आदेश दिए हैं, लेकिन अभी तक नर्सिग होम में कोरोना का इलाज नहीं किया जा रहा है। कई नर्सिंग होम तो ऐसे हैं जहां पर साधारण मरीजों को भी परामर्श नहीं दिया जा रहा है।
कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ने पर नीति आयोग, केंद्र सरकार के सदस्य विनोद पाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया। इसमें कोरोना के इलाज के लिए निजी अस्पतालों को स्वीकृति दी गई है। समिति ने सभी की सहमति से निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज के लिए दरें भी निर्धारित की। इन दरों में मरीजों को खाना के साथ-साथ दवा भी दी जाएगी। समिति ने प्रदेश में कोविड-19 के इलाज के लिए तीन क्षेणी बनाई हैं। ए श्रेणी में महानगरों के सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल को शामिल किया गया। जब कि बी श्रेणी में जिले के नर्सिंग होम को रखा गया है। इस श्रेणी में जिले का भी नाम शामिल किया गया है। नर्सिंग होम संचालक मरीजों से अधिक रुपये न वसूल सकें, इसलिए दरें तय की गईं।
कोई फोन तो कोई वीडियो कांफ्रेस से पूछ रहा मरीजों का दर्द
कोरोना संक्रमण से चिकित्सक भी भयभीत हैं। जिस कारण कई नर्सिंग होम संचालक मरीजों को देखने से परहेज कर रहे हैं। कोई वीडियो कांफ्रेंस से तो कोई फोन पर मरीजों का दर्द पूछकर दवा बता रहे हैं। रेलवे रोड स्थित एक नर्सिंग होम ताला पड़ा है। स्टाफ को भी घर भेज दिया गया। दी गई एंटीजन किटें फांक रहीं धूल
अधिक से अधिक लोगों की कोविड-19 की जांच हो सके, इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने नर्सिंग होम संचालकों को एंटीजन किट उपलब्ध कराई थीं। इसके बावजूद नर्सिंग होम में कोरोना जांच शुरू नहीं की गई है। मात्र द केयर नर्सिंग होम में ही जांच की जा रही है। नर्सिग होम संचालकों को इलाज और कोविड-19 की जांच के लिए आदेश दिए गए हैं, लेकिन एक ही नर्सिंग होम में जांच किए जाने की जानकारी मिली है। इस संबंध में जिलाधिकारी के माध्यम से बैठक बुलाकर कहा जाएगा। इसके बावजूद अगर आदेश का पालन नहीं किया गया तो संबंधित नर्सिग संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. वंदना सिंह मुख्य चिकित्साधिकारी।