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मरीजों की भीड़ में स्वास्थ्य सेवाओं का घुटने लगा था दम

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की ऐसी भीड़ उमड़ी कि जिल

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 11:41 PM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 11:41 PM (IST)
मरीजों की भीड़ में स्वास्थ्य सेवाओं का घुटने लगा था दम
मरीजों की भीड़ में स्वास्थ्य सेवाओं का घुटने लगा था दम

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की ऐसी भीड़ उमड़ी कि जिले की स्वास्थ्य सेवाओं का ही दम घुटने लगा था। प्रशासन ने भी अधिकांश मरीजों को होम आइसोलेशन में ही रखा था। घर में जब कोरोना संक्रमण के कारण मरीजों का दम घुटने लगा तो वह अस्पतालों में भागे। निजी अस्पतालों ने हाथ खड़े कर दिए या उनकी जेब तराशना शुरू कर दी तो सरकारी अस्पताल में वेटिग चल रही थी। ऐसे में मरीज के स्वजन भर्ती होने के लिए इधर उधर गुहार लगाते फिर रहे थे। क्योंकि कोविड मरीजों के लिए जिले में कुल तीन ही लेबल-2 हास्पिटल बनाए गए थे। इन अस्पतालों में केवल 140 मरीजों के भर्ती करने की ही व्यवस्था थी।

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कोरोना की दूसरी लहर जब चरम पर पहुंची तब आनन फानन में कमालगंज और कायमगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 20-20 बेड के एल-2 अस्पताल बनाए गए थे। जब कि मुख्यालय पर 50 बेड का एल-2 अस्पताल था। संक्रमितों की संख्या बढ़ी तो इसमें 50 बेड और डलवाए गए, लेकिन संक्रमितों की संख्या के आगे हास्पिटल कम पड़ गए। पर्याप्त व्यवस्था न होने पर नर्सिंग होम में संक्रमितों को भर्ती कर इलाज करने के आदेश दिए गए। शासन ने उनका पैकेज भी तय कर दिया था, लेकिन कुछ नर्सिंग होम संचालकों ने मरीजों को भर्ती करने से हाथ खड़े कर दिए थे। ऐसे में अधिकांश संक्रमितों को घर पर रहने के लिए कहा गया। जब मरीजों का ऑक्सीजन लेबल कम हुआ तो वह अस्पताल की ओर दौड़े, लेकिन वहां पर ऑक्सीजन नहीं मिल सकी। कुछ लोगों के स्वजन ने अन्य जिलों से ऑक्सीजन की व्यवस्था की। तब तक फेफड़ों में संक्रमण बढ़ा तो ऑक्सीजन लेबल और भी कम होता गया। इससे मरीजों की जान पर आ गई। स्वास्थ्य विभाग के आकड़ों पर गौर करें तो मुख्यालय पर 800, कायमगंज में 148 और कमालगंज में 167 मरीजों का इलाज किया गया। ²ूसरी लहर में करीब 140 लोगों की मौत हुई। इनमें 29 मरीजों की मौत कायमगंज में हुई। जब कि इससे मौत का आंकड़ा इससे कई गुना है। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए उससे बचाव की पूरी तैयारी की जा रही है। अभी तक 120 कंसंट्रेटर, 28 आक्सीजन सिलिडर मिले हैं। सीएचसी पर ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है। ताकि लोगों को ऑक्सीजन के लिए परेशान न होना पड़े। डा. सर्वेश यादव, नोडल अधिकारी, एल-2 अस्पताल


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