गंगा किनारे झोले में हैंडग्रेनेड, सनसनी
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद पांचालघाट की पुरानी घटिया से सटे गांव धीमरपुरा के दो बच्चे रविवार दोपहर गंगा किनारे चढ़ावे के पैसे खोज रहे थे। तभी उन्हें खाद की बोरी से बने झोले में दो हेंडग्रेनेट रखे मिल गये। कुछ देर में ही मौके पर भीड़ लग गयी। एएसपी व सीओ ने मौके पर जांच पड़ताल की। पुलिस ने हेंडग्रेनेट कब्जे में ले लिये है।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : अयोध्या मामले में आए फैसले के दूसरे और बारावफात के दिन गंगा किनारे झोले में दो हैंडग्रेनेड मिलने से शहर में सनसनी फैल गई। पुलिस उच्चाधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रेनेड पानी भरी बाल्टी में रखवाकर बम निरोधक दस्ते को जांच के लिए बुलाया। दोनों ग्रेनेड फैक्ट्रीमेड और उनमें पिन लगी है।
रविवार दोपहर को शहर कोतवाली क्षेत्र के पांचाल घाट की पुरानी घटिया के पास धीमरपुरा गांव के बच्चे गंगा में चढ़ाए गए सिक्के तलाश रहे थे। अनिल बाथम के 10 वर्षीय पुत्र विशाल व नंदकिशोर बाथम के 11 वर्षीय पुत्र राम उर्फ कन्हैया की नजर तट पर खाद की बोरी से बने झोले पर पड़ी। दोनों बालकों ने झोले को उठाया तो उसमें दो हैंड ग्रेनेड थे। दोनों बालक झोला वहां से उठा लाए और बम रखे होने की जानकारी परिवारीजन को दी। नाविक सुधीर बाथम ने यूपी-112 पुलिस को फोन पर जानकारी दी तो पुलिस महकमे समेत आसपास सनसनी फैल गई। सीओ सिटी मन्नी लाल गौड़, पांचाल घाट चौकी प्रभारी आरके शर्मा घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने दोनों ग्रेनेड पानी से भरी बाल्टी में रखवाकर पुलिस चौकी भिजवाए। अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन सिंह ने ग्रामीणों व बच्चों से पूछताछ की। ग्रामीण यह नहीं बता सके कि दोनों ग्रेनेड कहां से आए। सीओ सिटी ने बताया कि हैंडग्रेनेड फैक्ट्रीमेड हैं। उनमें पिन लगी है। कानपुर से बम निरोधक दस्ता जांच के लिए बुलाया जा रहा है। गंगा किनारे हैंडग्रेनेड कैसे पहुंचे। इसकी जांच की जाएगी।
बच्चे बोले, टीवी पर दिखाए जाते हैं ऐसे बम
सीओ सिटी ने बालक विशाल व राम उर्फ कन्हैया से पूछा कि उन्हें यह कैसे पता चला कि झोले में में रखी चीज हैंडग्रेनेड है? इस पर दोनों बच्चों ने कहा कि ऐसे बम टीवी पर देखे हैं।
पानी में डालने के बावजूद निष्क्रिय नहीं होते हैंडग्रेनेड
16 सितंबर को मोहल्ला बजरिया सुभाष नगर फील्ड में एक हैंडग्रेनेड बरामद किया गया था। पानी में पड़े रखने के बाद दूसरे दिन कानपुर से आए बम निरोधक दस्ते ने ग्रेनेड को गंगा कटरी में ले जाकर निष्क्रिय किया तो जबरदस्त धमाका हुआ। इससे स्पष्ट हो गया कि पानी में डाले जाने से हैंडग्रेनेड निष्क्रिय नहीं होते हैं।
शहर में पहले भी मिल चुके हैं बम
साल 2011 : शहर के रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर तीन पर पेड़ के पास तहमद (लुंगी) में लिपटे तीन हैंडग्रेनेड मिले थे। उस मामले में जीआरपी ने कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया। सिर्फ तस्करा डालकर जांच की।
साल 2015 : प्लेटफार्म नंबर एक पर पार्सलघर के निकट टाइमबम रखा गया था। कानपुर से आए बम निरोधक दस्ते ने उसे निष्क्रिय किया था। उस मामले में जीआरपी ने दर्ज मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी।
साल 2017 : 11 सितंबर को शहर कोतवाली के मोहल्ला इस्माइलगंज सानी में राजकीय इंटर कालेज के पास टाइमबम मिला था। उसे भी बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय किया। उस मामले में भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। हैंडग्रेनेड व टाइमबम रखने वाले कौन थे, किसने इन्हें बनाया और रखने की वजह क्या थी। इन सवालों का जवाब लोगों को अब तक नहीं मिला।
साल 2019 : 23 अक्टूबर को मोहल्ला सेनापति कूचा में सदर विधायक मेजर सुनीलदत्त द्विवेदी के घर के पास भी जोरदार धमाका हुआ था। पुलिस ने उसे आतिशबाजी का धमाका मानकर प्रकरण ठंडे बस्ते में डाल दिया।