जनसंख्या नियंत्रित कर बेरोजगारी दूर करे सरकार
जासं फर्रुखाबाद 97.6 फीसद अंक पाकर चौथे स्थान पर रोजी पब्लिक स्कूल के छात्र वैष्णव गुप्ता पय
जासं, फर्रुखाबाद : 97.6 फीसद अंक पाकर चौथे स्थान पर रोजी पब्लिक स्कूल के छात्र वैष्णव गुप्ता पर्यावरण प्रदूषण, बढ़ती जनसंख्या के कारण बेरोजगारी को बड़ी समस्या मानते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को जनसंख्या नियंत्रित करके बेरोजगारी को दूर करना चाहिए। पुत्र की सफलता पर जयनरायन वर्मा (जेएनवी) रोड, निवासी अनुज गुप्ता ने कहा कि उन्हें बेटे को अच्छे नंबर आने की पूरी उम्मीद थी। परीक्षा परिणाम जानन के लिए वैष्णव की मां वंदना गुप्ता मिठाई लेकर स्कूल पहुंचीं। वहीं बेटे का मुंह मीठा कराकर आशीर्वाद दिया। वैष्णव गुप्ता ने कहा कि सरकार युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के साधन उपलब्ध कराने का प्रयास करे। प्रदूषण नियंत्रण के लिए पौधरोपण के साथ ग्रीन एनर्जी के उपयोग पर जोर दिया। वह एयरफोर्स में करियर बनाना चाहते हैं। कोरोना के दौर में घर में पढ़ाई को मिला पूरा वक्त
जासं, फर्रुखाबाद : सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा में 98.4 फीसद अंक पाकर शिवांश राय ने कहा कि कोरोना के कारण स्कूल बंद रहे। स्कूल जाने से विद्यार्थी जीवन के अनुशासन का भी ज्ञान मिलता है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उसके बाद माहौल को देख कर उन्होंने घर में ही पढ़ाई की। कोरोना के दौर में पढ़ाई करने का भी खूब वक्त मिला। यही कारण रहा कि वह परीक्षा में सफलता हासिल कर पाए। जनपद न्यायालय में तैनात अपर जिला जज राजेश कुमार राय के पुत्र शिवांश राय सेंट एंथोनी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र हैं। सीबीएसई हाईस्कूल का परिणाम आते ही उनके घर में खुशी का माहौल हो गया। पिता राजेश कुमार राय, मां ममता राय व भाई शिशिर कुमार राय ने शिवांश को तिलक लगाकर मिठाई खिलाई। शिवांश कहते हैं कि उनका आइआइटी कर इंजीनियर बनने का लक्ष्य है, जिसकी तैयारी अभी से कर दी है। इंजीनियर बनकर मम्मी की मेहनत करेंगी सार्थक
जासं, फर्रुखाबाद : 98.6 फीसद अंक लाकर दूसरे स्थान पर आईं केंद्रीय विद्यालय फतेहगढ़ की छात्रा आस्था गौर पुत्री स्व. गजेंद्र सिंह गौर का सपना इंजीनियर बनकर अपनी मां की मेहनत सार्थक करने का है। फतेहगढ़ के मोहल्ला सिविल लाइन निवासी छात्रा आस्था ने बताया कि करीब पांच साल पहले पापा के निधन के बाद मम्मी सुनीता सिंह ने उनका पूरा ध्यान रखा है। उसे कभी पापा की कमी महसूस नहीं होने दी। सिलाई-कढ़ाई करके मम्मी ने कभी भी उसकी पढ़ाई में बाधा नहीं आने दी। मां को मेहनत करते देख वह भी पूरे मन से पढ़ाई करती थी। आज जो सफलता मिली है, उसके पीछे उसकी मम्मी की मेहनत है। आस्था ने कहा कि पढ़ाई में कभी भी तनाव नहीं लेना चाहिए। उसने बिना तनाव के परीक्षा की पूरी तैयारी की थी, लेकिन कोरोना के कारण परीक्षा नहीं हुई। कोरोना को देखते हुए परीक्षा स्थगित करके सरकार ने ठीक निर्णय लिया।