निजी अस्पतालों को सेहतमंद बना रहा सरकारी ब्लड बैंक
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : पहले लोहिया अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक से खून लेने के लिए मरीज क
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : पहले लोहिया अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक से खून लेने के लिए मरीज के तीमारदारों को खुद रक्त देकर उसकी फीस भी चुकानी पड़ती थी। इस कारण कई गरीबों को खून के लिए मुश्किल का सामना करना पड़ता था। इस समस्या को देखते हुए सरकार की ओर से रक्त के लिए दिए जाने वाले शुल्क को माफ कर दिया गया। इसके बावजूद इसका लाभ सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को मिलने के बजाय निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को ज्यादा मिल रहा है।
जिला लोहिया अस्पताल में भर्ती रोगियों को खून की आवश्यकता होने पर ब्लड बैंक बनाई गई थी। ताकि मरीजों के समय से खून मिल सके। खून लेने के लिए उसके बदले में रक्तदाता को खून देना पड़ता था। जांच आदि के नाम पर शुल्क भी निर्धारित किया गया था। सरकारी अस्पतालों में भर्ती रोगियों से शुल्क 550 रुपये और निजी अस्पतालों में भर्ती रोगियों के लिए नौ सौ रुपये की शुल्क लिया जाता था। विगत माह सरकार की ओर से शुल्क को माफ कर दिया गया है। हालांकि खून लेने के लिए खून के बदले खून देना पड़ेगा। इस व्यवस्था का सर्वाधिक लाभ आवास विकास कालोनी स्थित निजी अस्पताल संचालक उठा रहे हैं। यहां पर भर्ती होने वाले मरीजों को जब खून की आवश्यकता होती है तो तीमारदारों को खून लेने के लिए सरकारी अस्पताल भेज दिया जाता है। ब्लड बैंक के आकड़ों पर गौर करें तो एक नवंबर से 30 नवंबर तक निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए 218 यूनिट खून दिया गया। जब कि सरकारी अस्पतालों में भर्ती रोगियों के लिए 111 यूनिट खून लिया गया। एक दिसंबर से 11 दिसंबर तक निजी अस्पताल में 75 यूनिट खून लिया गया। जब कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए मात्र 38 यूनिट खून ले जाया गया। बैंक में नहीं है निगेटिव ब्लड
इन दिनों लोहिया अस्पताल की ब्लड बैंक में निगेटिव ब्लड नहीं है। ऐसी स्थित में अगर रोगी को निगेटिव ब्लड की जरूरत हुई तो व्यवस्था भगवान भरोसे होगी। ब्लड (यूनिट में)
ब्लड ग्रुप पॉजटिव निगेटिव
ए 60 1
बी 41 3
एबी 06 0
ओ 65 7