10 महान हस्तियों में शामिल हुई फर्रुखाबाद की गौरव महादेवी वर्मा
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) ने संयुक्त रूप से विश्वविद्यालयों में देश की महान हस्तियों के नाम से कुर्सी (पीठ) की स्थापना किए जाने का निर्णय लिया है। जिसमें फर्रुखाबाद में जन्मीं छायावाद की महान कवयित्री महादेवी वर्मा का नाम भी शामिल है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। इस पर जिले के साहित्यकारों व कवियों ने खुशी जताकर कहा कि यह हिदी और फर्रुखाबाद का सम्मान है।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) ने संयुक्त रूप से विश्वविद्यालयों में देश की महान हस्तियों के नाम से कुर्सी (पीठ) की स्थापना किए जाने का निर्णय लिया है। जिसमें फर्रुखाबाद में जन्मीं छायावाद की महान कवयित्री महादेवी वर्मा का नाम भी शामिल है। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि यूजीसी के साथ मिलकर मंत्रालय ने देश की दस हस्तियों को विश्वविद्यालय में कुर्सी दी है। जिसके तहत अब छात्र महादेवी वर्मा सहित शामिल की गई सभी दस हस्तियों पर विश्वविद्यालय में शोध कर सकेंगे। सरकार के निर्णय से हिदी को मिलेगा बढ़ावा
साहित्यभूषण सम्मान से सम्मानित व प्रख्यात कवि डॉ. शिवओम अंबर ने कहा कि छायावाद की महान कवयित्री महादेवी वर्मा का जन्म फर्रुखाबाद में हुआ, यह गौरव की बात है। उनका मानना है कि महादेवी ने अपनी कविता की पहली पंक्तियां इसी भूमि पर लिखीं। महाकवि निराला ने महादेवी को वाग्य देवी कहा था।
साहित्य जगत हुआ गौरवांवित
सेवा निवृत्त शिक्षक व कवि बृजकिशोर सिंह किशोर ने कहा कि महादेवी वर्मा का नाम विश्वविद्यालयों की पीठ में शामिल कर साहित्य जगत को गौरवांवित करने का काम किया गया है। महात्मा गांधी के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में काम करने के दौरान ही उन्हें काव्य पाठ के माध्यम से देश की सेवा करने को प्रोत्साहित किया गया था। फर्रुखाबाद का गौरव हैं महादेवी
कवि व साहित्यकार नलिन श्रीवास्तव ने कहा कि महादेवी वर्मा का जन्म फर्रुखाबाद में हुआ। वे हमारी गौरव हैं और पूज्यनीय हैं। इसी मिट्टी में उन्होंने किलकारी भरी। महादेवी की काव्य रचनाएं महिलाओं, युवाओं के साथ हर वर्ग के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।
महादेवी का जन्म जिले का सौभाग्य
यश भारती सम्मान से सम्मानित साहित्यकार डॉ.रामकृष्ण राजपूत ने कहा कि महादेवी वर्मा हमारे जिले का सौभाग्य हैं। वह चाहते थे कि महादेवी को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। इससे युवाओं को महादेवी की रचनाओं के बारे में मार्गदर्शन मिलेगा।