गंगा व रामगंगा उफनाईं, तटवर्ती गांवों में पहुंचा पानी, खेत जलमग्न
संवाद सहयोगी अमृतपुर बेमौसम हुई मूसलाधार बरसात से गंगा व रामगंगा उफनाने लगी हैं। गंगा क
संवाद सहयोगी, अमृतपुर : बेमौसम हुई मूसलाधार बरसात से गंगा व रामगंगा उफनाने लगी हैं। गंगा की बाढ़ का पानी तटवर्ती गांवों में पहुंच गया है। खेत बाढ़ के पानी से लबालब भर गए हैं। जिससे रबी की फसल की बोवाई प्रभावित हो गई है। रामगंगा का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांवों में कटान होने लगा है। जिससे अहलादपुर भटौली के भयभीत ग्रामीण अपने मकान तोड़ने में जुट गए हैं। सिचाई विभाग के परकोपाइन स्पर नदी की तेज धार से कटान नहीं रोक सके।
गंगा का जलस्तर 45 सेंटीमीटर बढ़कर समुद्र तल से 136.75 मीटर ऊपर पहुंच गया है। गंगा का चेतावनी बिदु 136.60 मीटर पर दर्ज है। नरौरा बांध से गंगा में 2,33,440 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे जलस्तर और बढ़ने की आशंका है। रामगंगा का जलस्तर 50 सेंटीमीटर बढ़कर चेतावनी बिदु के करीब 136.25 मीटर पर पहुंच गया है। खोह, हरेली व रामनगर से रामगंगा में 18,834 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। गंगा की बाढ़ का पानी तटवर्ती गांव सबलपुर, रामपुर, आशा की मड़ैया, कंचनपुर, जोगराजपुर, फखरपुर, जटपुरा कैलियाई, सुंदरपुर, भुड्डन की मड़ैया, कछुआ गाढ़ा, कलक्टरगंज, बमियारी, लायकपुर व नगरिया जवाहर में पहुंच गया है। जिससे ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी हो रही है। माखन नगला संपर्क मार्ग बाढ़ के पानी की तेज धार से कट गया था। जिससे कई गांवों का आवागमन बाधित हो गया है। बाढ़ के पानी से खेत जलमग्न हो गए हैं। जिससे रबी की फसल की बोवाई प्रभावित हो गई है।
रामगंगा का जलस्तर बढ़ने से अहलादपुर भटौली व कोलासोता गांव में कटान तेज शुरू हो गया है। अहलादपुर भटौली में कटान से भयभीत बृजेश, नेकसे, छोटेलाल, राजेश, रतीभान व राघवेंद्र ने अपने मकान तोड़ने शुरू कर दिए हैं। रामगंगा की धार से इससे पहले 29 ग्रामीण बेघर हो चुके हैं। सिचाई विभाग ने अहलादपुर भटौली में नदी की धार से कटान रोकने के लिए करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से परकोपाइन स्पर बनाए, लेकिन नदी की धार से कटान नहीं रुक सका। गांव के शिवरतन वर्मा कहते हैं कि ठेकेदार ने घटिया बोरियां लगाई और कम बोरियां लगने से नदी की धार से कटान नहीं रुक सका।
पैर फिसलने से नदी में किशोरी गिरी
गांव अहलादपुर भटौली के करीब रामगंगा की धार बह रही है। नदी की धार के कटान से खौफजदा ग्रामीण अपने मकान तोड़कर ईंट निकाल रहे हैं। शुक्रवार को भैयालाल की 15 वर्षीय पुत्री पवी ईंट लेकर जा रही थी। पैर फिसलने से पवी रामगंगा में गिर गई। मौके पर काम कर रहे ग्रामीण पवी को बचाने के लिए रामगंगा में कूद गए, लेकिन पवी तैरकर नदी से बाहर निकल आई। भैयालाल ने बताया कि पवी तैर लेती है, इसलिए वह बाहर निकल आई। जून से 9 बार बढ़ा गंगा का जलस्तर
इस वर्ष गंगा जून से अब तक नौ बार उफना चुकी हैं। बार बार गंगा की बाढ़ से ग्रामीण परेशान हो गए हैं। रामपुर के सौरभ कुमार बताते हैं। 24 जून को गंगा की बाढ़ का पानी गांव के करीब पहुंच गया था। नौ बार गंगा की बाढ़ का पानी गांव पहुंच चुका है। जून से खेतों में बाढ़ का पानी भरा है। जिससे खेत में खड़ी फसलें खराब हो गई हैं। किराचन के अनिल यादव कहते हैं कि नौ बार बाढ़ का पानी खेतों में भर गया है। इस वर्ष बाढ़ का पानी खेतों से निकलने के बाद फिर खेत में पानी भर गया जिससे फसलें खराब हो गईं। सरसों की बोवाई की, लेकिन बरसात और गंगा की बाढ़ के पानी से सरसों खराब हो गई। बेमौसम बरसात और गंगा की बाढ़ ने दीवाली फीकी कर दी है। अमृतपुर के नरसिंह चौहान कहते हैं कि करीब 35 वर्ष पहले दशहरा को बरसात हुई थी, लेकिन इस वर्ष बेमौसम बरसात के अलावा गंगा व रामगंगा की बाढ़ से किसान तबाह हो गया है। खेतों में बोया गया आलू पानी में सड़ गया है। बरसात ने किसानों की दीवाली फीकी कर दी है।