राजेपुर टप्पा मंडल गोशाला में पांच गायें मरीं
संवाद सूत्र जहानगंज राजेपुर टप्पा मंडल गांव में बनी गोशाला में एक साथ पांच गायों की मौत हो
संवाद सूत्र, जहानगंज : राजेपुर टप्पा मंडल गांव में बनी गोशाला में एक साथ पांच गायों की मौत हो गई। सूचना पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी व डीपीआरओ सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। जांच पड़ताल के बाद पुलिस की मौजूदगी में गायों के शव का पोस्टमार्टम कराया गया।
राजेपुर टप्पा मंडल गोशाला में रह रहे चौकीदार लक्ष्मन बाथम ने सोमवार को ग्राम प्रधान उमेश शाक्य को पांच गायों की मौत की जानकारी दी। जिस पर प्रधान ने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी राजकिशोर सिंह, डीपीआरओ अमित त्यागी, खंड विकास अधिकारी कमलेश कटियार, सचिव विजेता माथुर, पशु चिकित्साधिकारी डा. पीके शर्मा, डा. अनुज दुबे के साथ मौके पर पहुंचे और जांच की। पुलिस की मौजूदगी में डाक्टरों की टीम ने गायों के शव का पोस्टमार्टम किया। मौत के कारण की जानकारी के लिए बिसरा सुरक्षित रखा गया। प्रधान ने बताया कि वर्तमान में गोशाला मे 15 गायें थीं। जिसमें पांच गायों की मौत हो गई है। एक बीमार गाय का इलाज चल रहा है। मृत गायों को जेसीबी से चार फुट गहरा गड्ढा खुदवाकर दबा दिया गया। गायों के चारे को मिले थे मात्र 9600 रुपये
ढाई माह से गोशाला में बंद 15 गायों के चारे के लिए अब तक मात्र 9600 रुपये मिले हैं। चौकीदार लक्ष्मन बाथम ने बताया कि तीस रुपये प्रति गाय के हिसाब से मिलने वाली खुराकी से गायों का पेट नहीं भरा जा सकता है। वर्तमान में भूसा 13 रुपये किलो बिक रहा है। वह प्रतिदिन गन्ना की पौध खिलाकर गायों का भरण पोषण कर रहा है। मामले को दबाने में जुटे रहे अधिकारी
एक साथ पांच गायों की मौत के मामले में मौके पर पहुंचे अधिकारियों की पत्रकारों को देख त्योरियां चढ़ गईं। यही नहीं डीपीआरओ ने फोटो न खींचने की हिदायत तक दे डाली।सभी मृत गायों के पेट किस कारण फूले यह भी नहीं बताया गया। ग्रामीणों का मानना है कि संतुलित आहार न मिलने के कारण गायों की मौत हुई है। कुत्ते के हमले से दो गाय जख्मी
कमालगंज : थाने के निकट नगर पंचायत की ओर से बनाई गई गोशाला में करीब 20 गायें बंद हैं। नागरिकों के अनुसार गोशाला में घुसे कुत्तों के हमले से दो गाय घायल हो गई थीं। इलाज में लापरवाही के कारण एक गाय मरणासन्न स्थिति में है। सोमवार को पशु चिकित्सालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने गोशाला पहुंचकर इलाज की खानापूरी की