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सुरक्षा इंतजामों के बिना ही बन रही आतिशबाजी

गांव और कस्बे तो छोड़िए शहर में ही आतिशबाजी की तीन दुकानें बिना मानक पूरे किए ही चल रही हैं। तीनों दुकानें व्यस्त मार्गों पर हैं। पेट्रोलपंप व प्रसिद्ध गुरुगांव देवी मंदिर कुछ कदम की दूरी पर हैं। खास बात यह है कि दुकानों में बारूद का जखीरा जमा है। काम भी हो रहा है लेकिन सुरक्षा उपकरणों की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 10:31 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 06:21 AM (IST)
सुरक्षा इंतजामों के बिना ही बन रही आतिशबाजी
सुरक्षा इंतजामों के बिना ही बन रही आतिशबाजी

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : गांव और कस्बे तो छोड़िए शहर में ही व्यस्त मार्गो पर स्थित आतिशबाजी की तीन दुकानें बिना मानक पूरे किए ही चल रही हैं। यह दुकानें पेट्रोलपंप व प्रसिद्ध गुरुगांव देवी मंदिर कुछ कदम की दूरी पर हैं। खास बात यह है कि दुकानों में बारूद का जखीरा जमा है। काम भी हो रहा है। हद तो यह है कि यहां पर सुरक्षा उपकरणों की कोई व्यवस्था नहीं है।

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शहर में मऊदरवाजा थाना क्षेत्र में प्रसिद्ध गुरुगांव देवी मंदिर से कुछ कदम दूरी पर पेट्रोलपंप के ठीक सामने आतिशबाजी बनाने की दुकानें है। दुकानदारों को यह लाइसेंस कई दशक पहले मिले थे। तब वहां न तो पेट्रोलपंप था और न ही गुरुगांव देवी मंदिर में इतनी भीड़ होती थी। करीब 25 कदम दूरी पर गायत्री शक्तिपीठ मंदिर व कालीदेवी मंदिर हैं। इन मंदिरों में भी श्रद्धालुओं का आना-जाना रहता है। इन दुकानों का हर वर्ष नवीनीकरण होता है। दीपावली करीब आने से दुकानों में इन दिनों आतिशबाजी बनाने का काम तेजी से चल रहा है।

रविवार को जागरण टीम दुकानों का जायजा लेने पहुंची तो वहां कोई अग्निशमन संबंधी उपकरण तो दूर पर्याप्त मात्रा में पानी और बालू तक उपलब्ध नहीं थे। पूछने पर बताया कि उन लोगों ने आज ही दुकानें खोली हैं। एक-दो दिन में अग्निशमन यंत्र ले आएंगे। पानी की व्यवस्था भी करेंगे। फिलहाल अनार, मेहताब, चर्खी, पेड़, झरना, झूमर व किला की आतिशबाजी बन रही है। दशहरा मेले में आतिशबाजी का उपयोग किया जाएगा। आतिशबाजी में उपयोग होने वाली सामग्री

आतिशबाजी बनाने में कागज, मैदा की लेई, दाना, सोडा, कोयला, बारूद आदि का उपयोग होता है। कारीगर बारूद व कोयले को हाथ से ही पीसते हैं। हालांकि आतिशबाज चांद खां ने बारूद की मात्रा बताने से इंकार कर दिया। स्टाक का लेखाजोखा भी इन दुकानों पर उपलब्ध नहीं रहता है। आबादी के बीच बनीं गोदामें

ब्रांडेड आतिशबाजी शिवाकाशी से लाई जाती है। शहर में आधा दर्जन से अधिक थोक व्यापारी हैं। कहने को तो व्यापारियों ने गोदाम शहर से बाहर बना रखी हैं, लेकिन हकीकत यह है कि सभी गोदामें आबादी क्षेत्र में ही सातनपुर मंडी के निकट, बरेली हाइवे, गांव ढिलावल पर बाइपास के किनारे, पांचालघाट मार्ग पर हैं। थोक विक्रेताओं ने अपने कार्यालय शहर में ही बना रखे हैं, जहां वह पर भी बानगी के तौर पर आतिशबाजी रखी जाती है। - आतिशबाजी दुकानों पर काम चलने की जानकारी नहीं है। वह जांच कराएंगे। मानकों का पालन हर हाल में कराया जाएगा।

राम अक्षयवर चौहान, सिटी मजिस्ट्रेट


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