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    41 साल बाद मिला न्याय, अदालत ने दो दोषियों को सुनाई 10 साल की सजा, नकली शराब पीने से हुई थी 4 लोगों की मौत

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Agnihotri
    Updated: Tue, 01 Nov 2022 09:19 PM (IST)

    फर्रुखाबाद में 1981 में मिलावटी शराब पीने से 4 लोगों की मौत हो गई थी। 41 साल बाद अदालत ने मिलावटी शराब बिक्री और गैरइरादतन हत्या के मामले में फैसला सुनाते हुए दोषियों को 10 साल और 1.06 लाख का अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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    फर्रुखाबाद में 41 साल पुराने केस में अदालत ने सुनाया फैसलाा।

    फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता। 41 साल पहले मिलावटी शराब पीने से चार लोगों की मौत मामले में अपर जिला सत्र न्यायाधीश विष्णु चंद्र वैश्य ने दो दोषियों को 10 वर्ष की कैद व प्रत्येक पर 1.06 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इस मामले में 13 लोगों के खिलाफ मिलावटी शराब बिक्री और गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। 

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    1981 में दर्ज कराई थी रिपोर्ट

    गुरसहायगंज निवासी गुलफाम ने 16 अक्टूबर 1981 को दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा था कि पिता आफताब उर्फ यासीन देसी शराब ठेके से शराब खरीदी और पीकर घर चले आए। सुबह उनकी तबीयत खराब हुई तो उन्हें अस्पताल ले गए। वहां शराब पीने से बीमार हुए गुरसहायगंज निवासी लटूरी, जल्लाद व ललई नट पहले से भर्ती थे। इलाज के दौरान चारों की मौत हो गई थी।

    मुकदमे के विवेचक ने जनपद कासगंज निवासी रामनरेश उर्फ इलाहाबादी, थाना राजा का रामपुर निवासी कुंअरपाल सिंह, जिला एटा थाना सकीट के मलावन निवासी रामसिंह, थाना पटियाली के गांव नगला पटियाली निवासी राजवीर, थाना मारहरा के गांव ककरेटा निवासी लक्ष्मी नरायन, दशरथ सिंह, चोब सिंह, फिरोजाबाद निवासी नत्थीलाल, जनपद शाहजहांपुर थाना जहानपुर के गांव बरीपट्टी निवासी अमर सिंह, थाना कमालगंज के गांव नगला बसाह मकरंदनगर निवासी घनश्याम सिंह, लखनऊ के आर्य नगर विनीत खंड निवासी सरदार सुरजीत सिंह व शहर के मोहल्ला नाला मछरट्टा निवासी रामआसरे गुप्ता और विद्यासागर के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।

    मुकदमे की सुनवाई के दौरान एडीजीसी शिवनरेश सिंह, अनिल कुमार वाजपेई, दीपिका कटियार व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने अभियुक्त कुंअरपाल व रामनरेश को गैर इरादतन हत्या में 10 वर्ष की कैद, 50-50 हजार रुपये जुर्माना, पेय पदार्थ में मिलावट करने के आरोप में 10 वर्ष की कैद, 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

    जानबूझकर मिलावटी पेय पदार्थ बिक्री करने में छह माह की सश्रम कैद, एक-एक हजार रुपये जुर्माना, जानबूझकर स्वास्थ्य हानिकारक सामग्री बिक्री करने में पांच वर्ष की कैद, पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है। जुर्माना अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त कैद के भी आदेश दिए हैं।