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खाद की बढ़ी कीमत व ब्लैकमे¨लग से किसान परेशान

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : आलू व सरसों की बुवाई इन दिनों तेजी से चल रही है। किसान गेहू

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 11:23 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 11:23 PM (IST)
खाद की बढ़ी कीमत व ब्लैकमे¨लग से किसान परेशान
खाद की बढ़ी कीमत व ब्लैकमे¨लग से किसान परेशान

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : आलू व सरसों की बुवाई इन दिनों तेजी से चल रही है। किसान गेहूं की बुवाई की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए खाद की मांग भी बढ़ी है। किसानों को सर्वाधिक चूना सहकारी समितियों से लगाया जा रहा है। खास बात यह है कि पीसीएफ गोदाम में डीएपी का भंडारण पर्याप्त होने की सूचना दी जा रही है। इसके बावजूद किसानों को ब्लैक में खाद खरीदनी पड़ रही है। पिछले दो माह में खाद की दर में भी बेतहाशा वृद्धि होने से किसान और परेशान हैं।

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बरेली हाईवे स्थित शहर से सटे गांव कलार नगला के सामने पीसीएफ की खाद गोदाम है। जहां से फर्रुखाबाद व कन्नौज जिले की सहकारी समितियों व खाद बिक्री केंद्रों पर खाद की आपूर्ति की जाती है। गोदाम पर दिन में कोई जिम्मेदार मौजूद नहीं रहता। पीसीएफ के जिला प्रबंधक अमित कुमार दुबे फोन भी रिसीव नहीं करते। गोदाम में पूरा खेल ठेकेदार व पल्लेदारों के हवाले है। रात में लो¨डग कर्मचारी पहुंचकर ट्रैक्टर-ट्रालियों में खाद लोड कराते हैं। गोदाम पर मौजूद जगत ¨सह ने बताया कि उनके पास दो गोदामों की चाबी नहीं है। जबकि वह दोनों गोदामें खाद से भरी हैं। एक मजदूर ने बताया कि गोदाम में पर्याप्त मात्रा में डीएपी मौजूद है। जिसकी रात में लो¨डग कराई जाती। एनपीके खाद की बोरियां भी कम रह गई हैं। ग्राम कलार नगला निवासी मजदूर हरीराम एनपीके खाद की बोरियां सिल रहा था। उसने बताया कि गोदाम में कांटा नहीं है। वह अंदाज से ही बोरियों में खाद भर रहा है। गत माह एनपीके खाद की कीमत 1175 रुपये थी, जो अब सहकारी समितियों पर 1350 रुपये की बिक रही है। जबकि यूरिया 299 रुपये दी जा रही। बताया गया है कि पुराने रेट की भंडारित खाद बढ़े हुए नए रेट में बेची जा रही है। पीसीएफ के क्षेत्रीय प्रबंधक कानपुर संजय कुमार ने बताया कि उनका काम बैंक से चेक मिलने पर जिलों में खाद उपलब्ध कराना है। वितरण का काम जिला प्रबंधक का है। यदि कहीं गड़बड़ी हो रही है तो वह जिला प्रबंधक से बात करेंगे।


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