गणपति की विदाई को उमड़ा श्रद्धा का सागर
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ व एक दो तीन चार-गणपति जी
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ व एक दो तीन चार-गणपति जी की जयजयकार आदि उद्घोषों से गूंजता माहौल। बैंडबाजे व डीजे की धुन पर झूमते केसरिया टोपीधारी श्रद्धालु। कुछ ऐसा ही नजारा गणपति की विदाई में बुधवार को विसर्जन यात्रा में छाया था। जिधर से भी यात्रा गुजरी, छतों से पुष्प वर्षा व गुलाल उड़ता रहा। बच्चे हों या बूढ़े या फिर युवा, हर कोई बप्पा की विदाई में श्रद्धा व आस्था से सराबोर था।
शहर के कटरा डौरूनाथ पंडाल से शुरू हुई गणेश प्रतिमा विसर्जन यात्रा में ऐसी भीड़ उमड़ी कि मानो श्रद्धा का सागर ही बह चला। रथ पर सवार प्रतिमा आगे बढ़ी तो साथ चल रहे श्रद्धालु डीजे व बैंड बाजे पर थिरकने लगे। वहीं बप्पा के जयकारे गूंजे तो उनके भक्तों पर भी छतों से पुष्प वर्षा होने लगी। साथ ही अबीर-गुलाल की फुहार इस कदर उड़ी कि गजानन की भक्ति में पूरी यात्रा की रंगीन हो गई। मुंबइया रंग में रंगी मटकी फोड़ लीला
नेहर रोड पर यात्रा के पहुंचते ही 20 फिट ऊंचाई पर टांगी गई मटकी पर युवाओं की नजरें टिक गईं। उत्साह भरे युवाओं ने मीनार बनाना शुरू किया तो नजारा देखने को लोग आतुर हो उठे। युवाओं की नीचे से घेर नुमा बनी मीनार ऊपर तक पतली होती चली गई। एक के ऊपर एक चढ़े युवाओं ने आखिर अपना लक्ष्य हासिल ही कर लिया। सबसे ऊपर वाले युवक के मटकी फोड़ते ही तालियां गड़गड़ा उठीं। वहीं मटकी से रंग-गुलाल के साथ मेवा व खजाने की बरसात हो उठी। छेदा चूरन वाली गली से निकली विसर्जन यात्रा में भी मटकी फोड़ लीला खेली गई। यहां युवाओं में मटकी फोड़ने की होड़ रही। आतिशबाजी ने बिखेरी अनोखी छठा
मोहल्ला ग्राटगंज, नई बस्ती, काशीराम कालोनी, बैजनाथ स्ट्रीट, घेरशामू खां, तहसील सदर, बजरिया, खतराना, कोठापार्चा, खड़ियाई, गली नारायण दास, दीपक सिनेमा के निकट, ¨सधी कालोनी, रस्तोगी मोहल्ला व पलरिया आदि पंडालों से भी धूमधाम से प्रतिमा विसर्जन यात्राएं निकलीं। कई स्थानों पर आतिशबाजी छुटाई गई। जगह-जगह यात्राओं का स्वागत किया गया। रास्ते भर प्रसाद वितरण चलता रहा। महिलाएं व बच्चे भी उत्साह में भरे रहे। धर्म-ध्वजाओं के साथ लहराया तिरंगा
प्रतिमा विसर्जन यात्राओं में चल रहे श्रद्धालु देश भक्ति में भी डूबे थे। यात्रा में शामिल लोग धर्म ध्वजाओं के साथ तिरंगा भी लहराते रहे। गजानन के उद्घोष के साथ भारत माता के जयकारे भी गूंजे। यात्रा आगे बढ़ने के साथ भक्तों का करवां भी बढ़ता चला गया। हर कोई गजानन को विदाई देने के साथ अगले बरस तू जल्दी आने की कामना भी करता रहा।