हैंडग्रेनेड को ब्लास्ट करते ही धमाके से दहली गंगा कटरी
शहर के मोहल्ला सुभाष नगर बजरिया फील्ड के निकट सोमवार को मिले हैंडग्रेनेड को कानपुर से आए बम निरोधक दस्ते ने मंगलवार को गंगा कटरी में डेटोनेटर से ब्लास्ट कर नष्ट कर दिया। धमाका इतना तेज था कि धुंए का गुबार काफी ऊपर तक चला गया। जमीन में करीब चार फीट का गड्ढा हो गया। धमाके की आवाज सुनकर ग्रामीण घरों से बाहर निकल आए। खेतों में चर रहे मवेशी भाग गए। गंगा किनारे पुलिस को देखकर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : शहर के मोहल्ला सुभाष नगर बजरिया फील्ड के निकट सोमवार को मिले हैंडग्रेनेड को कानपुर से आए बम निरोधक दस्ते ने मंगलवार को गंगा कटरी में डेटोनेटर से ब्लास्ट कर नष्ट कर दिया। धमाका इतना तेज था कि धुंए का गुबार काफी ऊपर तक चला गया। जमीन में करीब चार फीट का गड्ढा हो गया। धमाके की आवाज सुनकर ग्रामीण घरों से बाहर निकल आए। खेतों में चर रहे मवेशी भाग गए। गंगा किनारे पुलिस को देखकर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
मऊदरवाजा थाना पुलिस ने हैंडग्रेनेड को पानी से भरी बाल्टी में डाल दिया था। इसके बावजूद वह निष्क्रिय नहीं हुआ। सेना के विशेषज्ञों ने भी मौके पर आकर हैंडग्रेनेड की जांच की थी। बाद में सैन्य अधिकारी लौट गए। दोपहर को कानपुर से बम निरोधक दस्ते के प्लाटून कमांडर रामानंद, बम टेक्नीशियन अवधेश कुमार त्रिपाठी, शिववीर सिंह व कर्मजीत कुमार सिंह वाहन से मऊदरवाजा थाने पहुंचे। जांच के बाद बम निरोधक दस्ते ने पानी की बाल्टी में रखे हैंडग्रेनेड को कब्जे में ले लिया। बम निरोधक दस्ते के साथ थाना प्रभारी डा.विनय प्रकाश राय भी थे। यह लोग गांव कटरी धरमपुर के निकट गंगा के किनारे पहुंचे। जमीन में हाथ से गड्ढा कर उसमें हैंडग्रेनेड रखा गया। इसके बाद डेटोनेटर लगाकर करीब 200 मीटर दूर से ब्लास्ट किया गया। धमाका इतना तेज था कि खेतों में चर रहे मवेशी भाग गए। घटना स्थल धुंए का गुबार काफी ऊंचाई तक गया। करीब चार फीट गहरा गड्ढा हो गया। ब्लास्ट के समय विशेषज्ञ टीम के जवान जमीन पर लेट गए थे। धमाके की आवाज सुनकर कटरी धरमपुर, कटरी भीमपुर, पंखियन की मड़ैया व आसपास गांवों के ग्रामीण घरों से बाहर निकल आए। पुलिस को देखकर लोगों ने राहत की सांस ली। बाद में उन्हें पता चला कि हैंडग्रेनेड को नष्ट किया गया है। बेहद घातक था हैंडग्रेनेड
बम निरोधक दस्ते के प्लाटून कमांडर रामानंद ने बताया कि यह 63 हैंडग्रेनेड था। इसकी मारक क्षमता काफी अधिक होती है। यह बेहद खतरनाक था। इसकी जद में आने वाला कोई भी व्यक्ति बच नहीं सकता। 24 घंटे से अधिक समय तक हैंडग्रेनेड पानी में पड़ा रहा, इसके बावजूद वह निष्क्रिय नहीं हुआ, जिससे पता चलता है कि यदि घटनास्थल ही विस्फोट हो जाता तो घनी आबादी के बीच कई लोगों की जान जा सकती थी। थाना प्रभारी डा. विनय प्रकाश राय ने बताया कि हैंडग्रेनेड मिलने का तस्करा लिख लिया गया है। सभी बिदुओं पर जांच की जा रही है। जांच में यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि हैंडग्रेनेड कहां से आया और इसे किसने रखा था।