पॉलीथिन पर रोक से लिफाफे बनाने वाले निर्धन खुश
संवाद सहयोगी, कायमगंज : पॉलीथिन पर प्रतिबंध से पर्यावरणवादी तो खुश हैं ही, साथ ही कागज के
संवाद सहयोगी, कायमगंज : पॉलीथिन पर प्रतिबंध से पर्यावरणवादी तो खुश हैं ही, साथ ही कागज के लिफाफे बनाने वाले निर्धन व महिलाएं भी खुश है। क्योंकि जिस दिन से पॉलीथिन प्रयोग पर सख्ती हुई है, उस दिन से अखबारी कागज से बने लिफाफों की मांग व कीमत बढ़ गई है। जिससे इन गरीबों की आमदनी मे थोड़ा का इजाफा हुआ है।
नगर के मुहल्ला बजरिया में वृद्धा कोकिला (75) अपनी विधवा पुत्रवधू बेबी व उसके तीन बच्चों के साथ रहती हैं। जीविकोपार्जन के लिए सास व बहू दोनों ही अखबार के कागज के लिफाफे बनाती हैं। जिससे उनके परिवार की गुजर बसर होती है। उन्होंने बताया कि पॉलीथिन बंद होने से पहले तैयार उन्हें अखबार की रद्दी 12 रुपये प्रति किग्रा के हिसाब से मिल जाती थी। तैयार लिफाफे तीस रुपये प्रति किग्रा के हिसाब से बिकते थे।
पॉलीथिन पर रोक होने के बाद अखबार की रद्दी तो उसी भाव पर है, लेकिन लिफाफे चालीस रुपये प्रति किलो की दर से बिकने लगे है। जिससे उनकी आमदनी में थोड़ी सी बढ़ोत्तरी हो गई। दोनों मिल कर दिन भर में करीब चार से पांच किलो लिफाफे बना लेती हैं। पॉलीथिन पर रोक चलती रहे, तो उनके लिफाफे सही पैसों में बिकते रहेंगे।