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गोशाला में बीमार गायों को नोंच रहे कुत्ते

संवाद सूत्र मोहम्मदाबाद बीमार गायों को कुत्तों को नोचते देख ग्रामीणों ने थाने व डीएम को सूचना दी। इस पर तहसीलदार एसडीएम व पशु चिकित्साधिकारी गोशाला पहुंचे। वहां दो गाय व एक बछड़ा बीमार मिला। एक गाय मृत पड़ी थी। एक बीमार गाय को कुत्ते नोच रहे थे। अधिकारियों ने बीमार गायों के इलाज व चारा पानी की व्यवस्था की जानकारी ली।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 07:46 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 06:04 AM (IST)
गोशाला में बीमार गायों को नोंच रहे कुत्ते
गोशाला में बीमार गायों को नोंच रहे कुत्ते

संवाद सूत्र, मोहम्मदाबाद : बीमार गायों को कुत्तों को नोंचते देख ग्रामीणों ने थाने व डीएम को सूचना दी। इस पर तहसीलदार, एसडीएम व पशु चिकित्साधिकारी गोशाला पहुंचे। वहां दो गाय व एक बछड़ा बीमार मिला। एक गाय मृत पड़ी थी। एक बीमार गाय को कुत्ते नोंच रहे थे। अधिकारियों ने बीमार गायों के इलाज व चारा पानी की व्यवस्था की जानकारी ली।

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ग्राम पंचायत मोहम्मदाबाद की अस्थायी गोशाला में 50 गोवंश हैं। इसके अलावा सैकड़ों गोवंश बेसहारा घूम रहे हैं। जिनकी कोई सुध नहीं लेता। किसान बेसहारा गोवंश के संबंध में शिकायत नगर पंचायत में करते हैं, लेकिन कोई नहीं सुनता। भूख व बीमारी से मरने वाली गायों को जेसीबी से गड्ढा करवाकर दबा दिया जाता है। मंगलवार सुबह बीमार गायों को कुत्ते नोंच रहे थे। ग्रामीणों ने इसकी सूचना डीएम व थाने में दी। तहसीलदार राजू कुमार, एसडीएम सदर अनिल कुमार व पशु चिकित्साधिकारी डॉ. बाबू सिंह गोशाला पहुंचे। एक बछड़ा व दो गाय बीमार मिलीं, जबकि एक गाय मृत पड़ी थी। अधिकारियों ने गोशाला प्रभारी इकरार खां, बृजेश कुमार, गोरक्षक मोनू व सौरभ से बीमार गायों के इलाज व चारा पानी की जानकारी ली। यहां मौजूद आक्रोशित ग्रामीणों ने एसडीएम को बताया कि सैकड़ों बेसहारा गोवंश खेतों में घूम रहे हैं, जिन्हें अंदर नहीं लिया जाता। यहां बंद गोवंश को जीने भर को सूखा भूसा दिया जाता है। बीमारी व भूख से रोजाना गोवंश मर रहे हैं। जिन्हें गड्ढा खोदकर दबा दिया जाता है। तकीपुर निवासी रामवीर, बदन सिंह, संजय, महेंद्र व श्रीकृष्ण ने बताया कि सेामवार रात एक मृत गाय दबाई गयी है, जबकि एक गाय मृत पड़ी है। एसडीएम ने गोशाला प्रभारी से विजिट रजिस्टर, टैग रजिस्टर, स्टाक रजिस्टर व पशु रजिस्टर मांगा। आधा घंटे बाद गोशाला प्रभारी रजिस्टर लेकर पहुंचे। जिस पर किसी अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं थे। भूसा की खरीद में भी हेराफेरी मिली। एसडीएम ने कहा कि किसी पशु चिकित्सक ने विजिट नहीं की, ईओ भी नहीं पहुंचे। इसका मतलब फर्जी रजिस्टर है। एसडीएम ने कहा कि शिकायतों की जांचकर कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद बीमार गायों का अपनी देखरेख में इलाज कराया। कुत्तों द्वारा नोंचने से घायल गायों के टांके लगाकर दवा दिलाई गई।


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