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35 डॉक्टरों के भरोसे चल रहीं जिले की स्वास्थ्य सेवाएं

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद जिले में चिकित्सकों की भारी कमी है। जो हैं उनमें कुछ डाक्टरों को विभागीय कार्य से बाहर जाना पड़ता है। जिससे डाक्टरों की कमी मरीजों पर भारी पड़ती है। यह स्थिति तब है जब शासन को इस बारे में अवगत कराया जा चुका है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jul 2019 10:47 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2019 06:25 AM (IST)
35 डॉक्टरों के भरोसे चल रहीं जिले की स्वास्थ्य सेवाएं
35 डॉक्टरों के भरोसे चल रहीं जिले की स्वास्थ्य सेवाएं

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जिले के सरकारी अस्पतालों में 135 डॉक्टरों से पद सृजित हैं, लेकिन इसके सापेक्ष जनपद में मात्र 35 चिकित्सक लोहिया अस्पताल, महिला अस्पताल, सीएचसी व पीएचसी की स्वास्थ्य सेवाएं संभाले हुए हैं। इनमें कुछ डॉक्टरों को विभागीय कार्यो के चलते बाहर रहना पड़ता है। ऐसी दशा में सरकारी अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पाता है। उधर, अफसरों ने इस समस्या को शासन स्तर पर अवगत करा दिया है, लेकिन व्यवस्थाओं में किसी तरह का मरहम नहीं लग सका है।

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मानक के अनुरूप चिकित्सक के नहीं होने से मरीजों को परेशान होना पड़ता है। लोहिया अस्पताल पुरुष में 29 डॉक्टरों के सापेक्ष 13, महिला चिकित्सालय में 11 के सापेक्ष पांच ही चिकित्सक तैनात हैं। इनमें कुछ चिकित्सकों को अन्य ड्यूटी व विभागीय कार्य से बाहर रहते हैं। ऐसे में मरीज बिना दवा के वापस लौट जाते हैं। वहीं एसीएमओ के आठ, डिप्टी सीएमओ के चार पद रिक्त चल रहे हैं। सीएमओ डॉ. चंद्रशेखर ने बताया कि डाक्टरों की कमी के चलते दिक्कतें आ रहीं हैं। इस संदर्भ में शासन को अवगत कराया जाता रहता है। फिजीशियन, आर्थो सर्जन के नहीं होने पर लौटते मरीज

विभिन्न रोगों से घिरे मरीज सोमवार को लोहिया अस्पताल पहुंचे। पर्चे बनवाने के दौरान मरीजों में धक्का मुक्की हो गई। स्वास्थ्य कर्मियों ने समझाया और लाइन लगवाकर मरीजों के पर्चे बनवाए। यहां से रोगी जब फिजीशियन कक्ष के बाहर पहुंचे तो उन्हें ताला लटका मिला। बताया गया कि फिजीशियन अवकाश पर हैं। इसी तरह आर्थोपैडिक और ईएनटी सर्जन के दिव्यांग बोर्ड में चले जाने पर संबंधित मरीज बगैर दवा के लौट गए। हालांकि इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान ईएनटी सर्जन ने कुछ मरीजों को परामर्श दिया। फिजियोथेरेपिस्ट कक्ष में मिला कुत्ते का शव

लोहिया अस्पताल के दवा काउंटर के पास फिजियोथेरेपिस्ट कक्ष है। शनिवार को कुत्ता कक्ष के अंदर पहुंच गया। दोपहर को कर्मी ने बिना देखे कर्मचारी ने बगैर देखे कक्ष बंद कर दिया। रविवार को अवकाश होने के चलते कक्ष नहीं खोला गया था। रविवार सुबह जब कक्ष खोला गया तो कुत्ता मृत मिला। चिकित्सक का लखनऊ तबादला

शासन से कायमगंज स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डॉ. अनुज त्रिपाठी का तबादला लखनऊ के स्वास्थ्य महानिदेशालय के लिए कर दिया गया है। विदित है कि डॉक्टर विगत तीन माह से लखनऊ प्रशिक्षण के लिए गए हुए थे।


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