गंगा-रामगंगा घटीं, समस्याएं जस की तस
संवाद सहयोगी, अमृतपुर : गंगा व रामगंगा का जलस्तर कम होने के बाद भी बाढ़ पीड़ितों की समस्याए
संवाद सहयोगी, अमृतपुर : गंगा व रामगंगा का जलस्तर कम होने के बाद भी बाढ़ पीड़ितों की समस्याएं कम नहीं हो रही हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। सड़कें क्षतिग्रस्त होने से लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। गांवों में बाढ़ का पानी निकलने के बाद कीचड़ भरा हुआ है।
शनिवार को गंगा का जलस्तर 5 सेंटीमीटर और कम हो जाने से 136.30 मीटर पर पहुंच गया है। नरौरा बांध से गंगा में 44743 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामगंगा का भी जलस्तर 5 सेंटीमीटर कम होने से 135.65 मीटर पर है। खोह हरेली रामनगर से रामगंगा में 9196 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। हालांकि इसका कोई असर नहीं होगा। गंगा रामगंगा का जलस्तर कम होने के बाद भी भरखा गांव के निकट संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी बह रहा है। भरखा सलेमपुर चकरोड पर बाढ़ का पानी भरा है। ग्रामीण बाढ़ के पानी से निकलकर सलेमपुर बाजार जा रहे हैं। जिठौली, पट्टी भरखा, सैदापुर व भुड़रा गांव की कई झोपड़ियों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है।
गांव से बाढ़ का पानी निकलने के बाद गलियों में कीचड़ भरा है। ग्रामीण कीचड़ से निकलने को मजबूर हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों के अधिकांश संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी हो रही है। बाढ़ प्रभावित गांव के गड्ढों में गंदा पानी भरा होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे मलेरिया रोग फैलने की आशंका है। एसडीएम रमेशचंद्र यादव ने बताया कि क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखा गया है। बाढ़ प्रभावित गांवों में डीडीटी स्प्रे कराने के निर्देश दिए गए हैं। गांव से बाढ़ का पानी निकल गया है, स्वस्थ्य टीम गांवों में कैंप लगाकर दवाइयां वितरित कर रही हैं। आशियाना संवारने में जुटे
बाढ़ के पानी से झोपड़ियां टूट कर खराब हो गई है। ग्रामीण झोपड़ियों के इंतजाम में लग गए हैं। जसूपुर गढि़या में बाढ़ के पानी मवेशियों के बंधे रहने से उनमें भी बीमारी फैल रही है। स्वास्थ्य टीम ने 258 मरीजों का परीक्षण किया
शमसाबाद : बाढ़ के पानी से घिरे रहे गांव नगला बसोला व नगरिया में बीमारी फैलने की सूचना पर शनिवार को गांव पहुंची चिकित्सकों की टीम ने मरीजों का परीक्षण कर दवा वितरित की। डा. शिशिर ने बताया गांव में 258 मरीजों का परीक्षण कर दवा दी गई। 14 मरीजों की खून की जांच के लिये नमूने लिए गए तथा मरीजों को क्लोरीन की टेबलेट पानी में डालकर पीने को कहा गया है।