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जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : वर्षो से निस्तारण की राह देख रहे भूमि विवादों को समझौते के
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : वर्षो से निस्तारण की राह देख रहे भूमि विवादों को समझौते के आधार पर निपटाने के लिए सरकार ने श्रावस्ती मॉडल लागू किया था। जिले में यह योजना फ्लॉप होने की कगार पर पहुंच गई है।
प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था और अपराधों में कमी लाए जाने के लिए शासन ने भूमि संबंधी विवादों को आपसी सुलह से निपटाने पर जोर दिया है। ऐसे में श्रावस्ती मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू किया गया लेकिन जिले में राजस्व कर्मियों ने इसमें रुचि नहीं ली। जनपद में डीएम से लेकर नायब तहसीलदार स्तर तक के कुल 20 राजस्व न्यायालय हैं। इनमें पांच में अधिकारियों की तैनाती नहीं है।
साढ़े तीन हजार मुकदमे लंबित
मेड़ काटने से लेकर अवैध कब्जे और विरासत तक के लगभग साढ़े तीन हजार मुकदमे जिले में लंबित हैं। हर माह दायर होने वाले वादों की संख्या निस्तारित होने वाले मुकदमों से अधिक रहती है। इससे लगातार यह संख्या बढ़ती जा रही है।
तहसीलदार अमृतपुर में सबसे ज्यादा वाद
समीक्षा बैठक के दौरान प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार जनपद के विभिन्न राजस्व न्यायालयों में लंबित 3383 मुकदमों में से सर्वाधिक 428 मामले तहसीलदार अमृतपुर के यहां लंबित हैं। तहसीलदार कायमगंज के पास 413 और न्यायिक कोर्ट में 323, सदर में 259 वाद लंबित हैं। राजस्व न्यायालयों में लंबित वादों के निस्तारण में तेजी लाने के निर्देश सभी अधिकारियों को दिए गए हैं। नए वाद दायर होने के सापेक्ष निस्तारण बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार लंबित वादों में कमी आई है।
- भानु प्रताप ¨सह, अपर जिलाधिकारी न्यायिक।