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दो घंटे बाद दौड़ सका रेलवे की इलेक्ट्रिक लाइन में करंट

फर्रुखाबाद से कन्नौज तक इलेक्ट्रिक रेलवे लाइन का निरीक्षण करने पहुंचे सीआरएस की मौजूदगी में इलेक्ट्रिक लाइन में करंट नहीं दौड़ सका। दो घंटे बाद करंट दौड़ने पर सीआरएस की स्पेशल ट्रेन कन्नौज के लिए रवाना हो सकी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 07:24 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 06:04 AM (IST)
दो घंटे बाद दौड़ सका रेलवे की इलेक्ट्रिक लाइन में करंट
दो घंटे बाद दौड़ सका रेलवे की इलेक्ट्रिक लाइन में करंट

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : फर्रुखाबाद से कन्नौज तक इलेक्ट्रिक रेलवे लाइन का निरीक्षण करने पहुंचे सीआरएस की मौजूदगी में इलेक्ट्रिक लाइन में करंट नहीं दौड़ सका। दो घंटे बाद करंट दौड़ने पर सीआरएस की स्पेशल ट्रेन कन्नौज के लिए रवाना हो सकी।

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पूर्वोत्तर मंडल के रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) मोहम्मद लतीफ खान, मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) के साथ कन्नौज से बुधवार दोपहर तीन बजे के करीब स्पेशल ट्रेन से इलेक्ट्रिक लाइन का निरीक्षण करने फर्रुखाबाद रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां पर पहले से खड़े इलेक्ट्रिक इंजन का निरीक्षण किया। इसके बाद उनकी स्पेशल ट्रेन में इलेक्ट्रिक इंजन लगाया गया, लेकिन इलेक्ट्रिक लाइन में करंट न आने से इंजन शुरू नहीं हो सका। काफी कवायद के बाद करीब दो घंटे बाद लाइन में करंट आया। इसके बाद इंजन का पूजन कर नारियल फोड़कर शाम पांच बजे सीआरएस स्पेशल ट्रेन से निरीक्षण करते हुए कन्नौज रवाना हो सके। सीआरएस ने बताया कि वह दो दिन में अपनी रिपोर्ट देंगे। इसके बाद इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने का निर्णय डीआरएम को करना है। स्टेशन अधीक्षक नरेंद्र शाक्य ने बताया कि खुदागंज और कंपिल में इलेक्ट्रिक फीडर बनाए गए हैं। खुदागंज का फीडर अभी शुरू नहीं हुआ है। कंपिल से फीडर शुरू होने पर ट्रेन रवाना हुई। 110 की स्पीड में दौड़ाई गई ट्रेन

सीआरएस की स्पेशल ट्रेन 110 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ाई गई। चालक सूर्यकांत कुमार और चीतराम इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन ले गए। फूलों से सजाया गया इंजन

पहली बार इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाए जाने पर इंजन को फूलों से सजाया गया। विधिवत पूजा अर्चना के बाद मिष्ठान वितरण कर ट्रेन रवाना हुई।


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