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कोआपरेटिव बैंक ने पूर्व सांसद को पहुंचाया 60 लाख का फायदा

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : दि फर्रुखाबाद डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव बैंक लिमिटेड में बड़े गो

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Oct 2018 11:41 PM (IST)Updated: Mon, 15 Oct 2018 11:41 PM (IST)
कोआपरेटिव बैंक ने पूर्व सांसद को पहुंचाया 60 लाख का फायदा
कोआपरेटिव बैंक ने पूर्व सांसद को पहुंचाया 60 लाख का फायदा

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : दि फर्रुखाबाद डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव बैंक लिमिटेड में बड़े गोलमाल का खुलासा हुआ है। सपा के पूर्व सांसद व बैंक के निदेशक छोटे ¨सह यादव की फर्म जय¨हद ट्रेडर्स का खाता बैंक में है। वहां वर्षों से डिमांड ड्राफ्ट बनवाए गए, लेकिन बैंक ने कमीशन नहीं लिया। शिकायत पर हुई गोपनीय जांच में वर्ष 1994 से 2011 तक के बीच बने ड्राफ्ट पर 60,67,036 रुपये का कमीशन न लिए जाने की बात सामने आई जबकि 1994 के पहले का तो रिकार्ड ही बैंक से गायब है। महाप्रबंधक की ओर से इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। खास बात यह है कि पूर्व सांसद की पुत्रवधू बैंक की चेयरमैन हैं, उन्हें इसका भी फायदा मिला।

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कुछ माह पहले शासन से पूर्व सांसद के खिलाफ कई ¨बदुओं पर शिकायत की गई थी। इस मामले में जांच कराई जा रही है। सोमवार को बैंक प्रबंधक ने एक रिपोर्ट महाप्रबंधक को दी। रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व सांसद की फर्म जय ¨हद ट्रेडर्स के नाम बैंक में खाता संख्या 827 है। इसमें वर्ष 1994 से 2011 तक कुल 417 ड्राफ्ट बैंक से बनवाए गए। इस दौरान ड्राफ्ट संख्या 1 से 24 तक के ड्राफ्ट की कुल धनराशि 68,15,880 रुपये पर 10,132 रुपये कमीशन बैंक में जमा किया गया जबकि ड्राफ्ट संख्या 25 से 429 तक की धनराशि 40,44,69,077.08 रुपये पर कमीशन नहीं लिया गया जबकि इसका कमीशन 60,67,036 रुपये बनते थे। इससे पहले के अभिलेख बैंक में उपलब्ध न होने की जानकारी दी गई है। इनकी भी सुनें

''जय¨हद ट्रेडर्स के खाते के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई थी। बैंक में उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार महाप्रबंधक को रिपोर्ट दे दी है। उन्हें प्रबंधक पद पर हाल ही में चार्ज मिला है। उनकी जानकारी के अनुसार वह किसी खातेदार का कमीशन माफ नहीं कर सकते। - मनमोहन कटियार, बैंक प्रबंधक

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''मैनेजर की आख्या सोमवार को ही मिली है। मामला गंभीर है। उच्चाधिकारियोंको रिपोर्ट भेज रहे हैं यदि कोई खातेदार बैंक से अच्छा लेनदेन करता है तो उसकी तीन डीडी पर प्रबंधक कमीशन छोड़ सकता है पर इससे अधिक नहीं। हालांकि जिन डीडी पर कमीशन न लेने का मामला सामने आया है। यह डीडी जब बने थे, तब कमीशन छोड़ने का नियम नहीं था। - मनोज कुमार ¨सह, सचिव/ महाप्रबंधक

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''बैंक अध्यक्ष या बोर्ड की ओर से डीडी पर कमीशन न लेने का कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया गया। कमीशन लेना बैंक कर्मचारियों का काम है। उन्होंने कमीशन क्यों नहीं लिया। उनकी जवाबदेही होगी। - छोटे ¨सह, पूर्व सांसद

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''पूर्व सांसद के खिलाफ कई ¨बदुओं पर शिकायत की थी। उसमें जांच चल रही है। पूरा रिकार्ड मिलने पर करोड़ों रुपये का कमीशन हड़पने का मामला निकलेगा। - विमल कटियार, शिकायतकर्ता एवं भाजपा जिला महामंत्री


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