बहाली के बाद पांच सिपाहियों को मिला बर्खास्तगी का नोटिस
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद केंद्रीय कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बदन सिह
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : केंद्रीय कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बदन सिंह बद्दो के फरार होने के बाद दारोगा और पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। बाद में उनके इस अपराध को नजरअंदाज कर बहाल भी कर दिया गया। सभी पुलिस कर्मी आराम से नौकरी कर रहे थे और बदन सिंह लापता ही रहा। इधर, कानपुर में विकास दुबे प्रकरण हुआ तो डीजीपी ने सभी पुलिस अधीक्षकों को अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए। उसके बाद हरकत में आए पुलिस अधिकारी ने दोषी पुलिस कर्मियों को बर्खास्तगी का नोटिस दिया गया।
मेरठ के पंजाबीपुरा निवासी बदन सिंह बद्दो को हत्या, धोखाधड़ी आदि के मामले में आजीवन कारावास की सजा सेंट्रल जेल में काट रहा था। 28 मार्च, 2019 को गाजियाबाद न्यायालय में पेशी होने पर जाना था। 27 मार्च की रात उसे सेंट्रल जेल फतेहगढ़ से गाजियाबाद के लिए भेजा गया था। पेशी के बाद बदन सिंह के कहने पर सुरक्षा में लगे उपनिरीक्षक देशराज त्यागी, हेड कांस्टेबल राजकुमार, सिपाही ओमवीर कुमार, सुनील कुमार, चालक आरक्षी भूपेंद्र सिंह उसे मेरठ के मुकंद महल होटल में ले गए थे। वहां से बदन सिंह पुलिस कर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया था। पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार मिश्रा ने इन पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था। हालांकि बाद में सभी को बहाल कर दिया गया था। उधर, कानपुर में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद एसपी द्वारा पुलिस कर्मियों को बर्खास्तगी नोटिस थमा दिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मार्च में सभी को नोटिस दिए गए थे। इन लोगों के जवाब न देने पर फिर से सभी को नोटिस दिया गया है।