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नगर उपाध्यक्ष पर हमले की मेडिकल रिपोर्ट में भ्रम

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद गांधी संकल्प यात्रा में शामिल होने जाते समय भाजपा नगर उपाध्यक्ष विनोद अग्निहोत्री का मोहल्ला रकाबगंज निवासी दीपक व अन्य लोगों से विवाद हो गया था। इस मामले में दहशत फैलाने धमकी मारपीट व जान लेवा हमले के आरोप में रकाबगंज निवासी सात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी। पुलिस द्वारा कराए गए मेडिकल की एक रिपोर्ट में पांच चोटें दर्शायी गयीं वहीं दूसरी कापी में छह चोटों का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में भ्रम होने पर जनपद न्यायाधीश के न्यायालय में मामला दायर किया गया। न्यायाधीश ने विवेचक को केस डायरी सहित तलब किया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 10:38 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 06:03 AM (IST)
नगर उपाध्यक्ष पर हमले की मेडिकल रिपोर्ट में भ्रम
नगर उपाध्यक्ष पर हमले की मेडिकल रिपोर्ट में भ्रम

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : गांधी संकल्प यात्रा में शामिल होने जाते समय भाजपा नगर उपाध्यक्ष विनोद अग्निहोत्री का मोहल्ला रकाबगंज निवासी दीपक व अन्य लोगों से विवाद हो गया था। इस मामले में दहशत फैलाने, धमकी, मारपीट व जान लेवा हमले के आरोप में रकाबगंज निवासी सात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पुलिस द्वारा कराए गए मेडिकल की एक रिपोर्ट में पांच चोटें दर्शाई गईं वहीं दूसरी कापी में छह चोटों का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में भ्रम होने पर जनपद न्यायाधीश के न्यायालय में मामला दायर किया गया। न्यायाधीश ने विवेचक को केस डायरी सहित तलब किया है।

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शहर कोतवाली के गंगा नगर कालोनी निवासी विनोद अग्निहोत्री ने दो अक्टूबर को मोहल्ला रकाबगंज निवासी दीपक उर्फ पप्पी, मोहित, शिवम, सुशील उर्फ गुड्डू, विकास, जितेंद्र व अनिल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में पुलिस ने नगर उपाध्यक्ष विनोद अग्निहोत्री का सिविल अस्पताल में मेडिकल कराया था। आरोपित दीपक उर्फ पप्पी की पत्नी मंजू ने अधिवक्ता हिमांशु राय के माध्यम से जनपद न्यायालय में दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा कि उसका पति जानलेवा मारपीट आदि धाराओं के आरोप में जिला कारागार में निरुद्ध है। प्रतिवादी द्वारा कराए गए मेडिकल परीक्षण की दो अलग-अलग प्रतियों चोटें अलग-अलग दर्शायी गयी हैं। जिससे भ्रम की स्थिति है। उनके पति व अन्य लोगों को झूठा फंसाया गया है। मेडिकल रिपोर्ट की प्रतियों का अवलोकन करने के बाद न्यायाधीश ने मुकदमे के विवेचक को केस डायरी व अन्य दस्तावेज न्यायालय में प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। अधिवक्ता हिमांशु राय श्रीवास्तव ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट में एक पेपर में पांच चोटें अंकित हैं, जो सही साबित होता है। दूसरे पेपर छह चोटों का जिक्र किया गया है।


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