फर्रुखाबाद में आर्ट कालेजों में चल रहीं साइंस की कक्षाएं
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जिले में शिक्षा माफिया पूरे तरह से हावी है। छात्रों का भविष्य बनाने
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जिले में शिक्षा माफिया पूरे तरह से हावी है। छात्रों का भविष्य बनाने के बजाय बिगाड़ने पर तुले हैं। स्थिति यह है कि नर्सरी से लेकर इंटर तक अमान्य कक्षाएं संचालित हो रहीं हैं। वहीं कुछ स्कूलों और कॉलेजों के प्रबंधकों ने मायन्ता दसवीं तक ले रखी है और कक्षाएं इंटर तक संचालित कर रहे हैं। मजे कि बात यह है कि आर्ट कॉलेजों में छात्रों को साइंस पढ़ाई जा रही है। वहीं विभाग के अफसरों की कार्रवाई नोटिसों तक सीमित रहती है। कुछ कान्वेट स्कूलों के पास भी मान्यता नहीं है। इसके बाद भी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को संचालित कर रहे हैं। वहीं जिले में तैनात डीआइओएस, बीएसए, ब्लॉकों में तैनात बीईओ और एबीआरसी व एनपीआरसी बिना मान्यता वाले स्कूलों को नोटिस थमाते दिख रहे हैं।
प्राथमिक, माध्यमिक व इंटर स्तर पर अभियान चलाकर अमान्य स्कूलों को बंद करने के आदेश को जिले में तैनात अफसर रद्दी को टोकरे में फेंक देते हैं। शायद इसलिए इन स्कूलों की संख्या दोगुनी होती जा रही है। कई संस्थाएं नर्सरी से माध्यमिक तक अवैध कक्षाएं चला रहीं। जो जूनियर हाईस्कूल दसवीं तक पढ़ाई करा रहे, वह कक्षा नौ का अग्रिम पंजीकरण किसी मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय से करा देते हैं। उसी कॉलेज से हाईस्कूल का बोर्ड परीक्षा फार्म भरा जाता है। कई उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में अवैध रूप से 11वीं व 12वीं की पढ़ाई कराई जा रही। कला वर्ग की मान्यता वाले इंटर कालेज इंटरमीडिएट गणित व जीव विज्ञान विषय से विज्ञान वर्ग की पढ़ाई करा रहे। इन छात्रों का अग्रिम रजिस्ट्रेशन व ऑनलाइन परीक्षा फार्म दूसरी शिक्षण संस्थाओं से भरा जाता। हाईस्कूल में 14 व इंटर में 22 कमरों की जरूरत
कक्षा छह से दस तक की मान्यता के लिए 14 कमरों की जरूरत होती है। जबकि इंटरमीडिएट में विज्ञान वर्ग के लिए 22 कमरे तक चाहिए होते हैं। कमरों की माप 20 गुणा 25 फिट होनी चाहिए। प्रयोगशाला उपकरण, पुस्तकालय की किताबें, बालक-बालिका शौचालय व विद्यालय के नाम जमीन होने की भी शर्त है। इस सत्र नौ माध्यमिक स्कूलों की ही मिली मान्यता
इस सत्र से मान्यता के लिए 20 से अधिक विद्यालयों ने आवेदन किए थे, लेकिन नौ माध्यमिक स्कूलों की ही मान्यता हुई। मानक पूरे न कर पाने वाले कई स्कूल प्राय: मान्यता न मिलने के बावजूद कक्षाएं चलाते रहते हैं। 10वीं तक चल रहे विद्यालयों में आधा दर्जन से अधिक के 12वीं के आवेदन निरस्त हो गए। डीआइओएस कमलेश बाबू ने बताया कि समय-समय पर माध्यमिक स्कूलों में पंजीकृत छात्रों का सत्यापन कराया जाता है। माध्यमिक स्कूलों की संख्या
हाईस्कूल - 286
इंटर कला वर्ग - 120
इंटर कला व विज्ञान - 30